पद्मश्री नृत्यांगना साम्राज्ञी सितारा देवी का 31वां महोत्सव भव्य रूप से संपन्न

The 31st festival of Padma Shri dance empress Sitara Devi concluded grandly.

मुंबई: महान कथक नृत्यांगना सितारा देवी की स्मृति में आयोजित “नृत्य साम्राज्ञी पद्मश्री सितारा देवी महोत्सव” का 31वां संस्करण मुंबई स्थित एस.पी. जेमर ऑडिटोरियम, भारतीय विद्या भवन परिसर, अंधेरी वेस्ट में भव्यता से संपन्न हुआ। यह महोत्सव कथक नृत्य की परंपरा, उसके सौंदर्य और भारतीय सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का एक महत्वपूर्ण मंच बना।

प्रमुख प्रस्तुतियाँ और कलाकारों का शानदार प्रदर्शन
महोत्सव में देशभर से आए ख्यातिप्राप्त कथक कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। इस मौके पर प्रतिष्ठित कलाकारों द्वारा अद्भुत कथक प्रस्तुतियाँ दी गईं:

श्रीमती सुधा सिंह (पूर्व नगरसेविका, वार्ड 67) द्वारा कथक नृत्य की मोहक प्रस्तुति
ऋषिका मिश्रा और विशाल कृष्ण द्वारा कथक नृत्य की प्रभावशाली जुगलबंदी (आचार्य सुखदेव महाराज, बनारस घराना)
पं. राम मोहन महाराज और कथक की महारानी जयंती माला मिश्रा द्वारा कथक नृत्य (लखनऊ घराना और बनारस घराना)

कार्यक्रम का उद्घाटन एवं अतिथि गण
इस गरिमामयी समारोह का उद्घाटन प्रसिद्ध संगीतकार एवं ढोलकिया रंजीत बारोट और सुविख्यात शास्त्रीय गायिका पद्मश्री डॉ. सोमा घोष ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम का आयोजन श्रीमती जयंती माला मिश्रा और श्री राजेश मिश्रा द्वारा किया गया, जिसमें देशभर से नामचीन कथक कलाकार शामिल हुए।

विशेष आकर्षण और सांस्कृतिक महत्व
यह महोत्सव कथक की विभिन्न शैलियों और घरानों को मंच प्रदान करने के लिए समर्पित रहा, जिसमें बनारस और लखनऊ घराने की बेहतरीन जुगलबंदी देखने को मिली।
कथक की परंपरागत शैली को बनाए रखते हुए, कलाकारों ने अपनी अभिव्यक्ति, लयकारी, फुटवर्क और भाव-भंगिमा से दर्शकों को भाव-विभोर कर दिया।
महोत्सव में शास्त्रीय संगीत, तबला, पखावज, हारमोनियम और घुंघरुओं की ताल ने माहौल को संगीतमय बना दिया।
युवा कलाकारों के लिए प्रतिभा प्रदर्शन सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें कथक की नई पीढ़ी ने अपने कौशल का शानदार प्रदर्शन किया।

सितारा देवी को श्रद्धांजलि और समापन समारोह
महोत्सव के समापन पर महान नृत्यांगना पद्मश्री सितारा देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। उनके योगदान को याद करते हुए उनके शिष्यों और कथक प्रेमियों ने नृत्य के माध्यम से उन्हें सम्मानित किया। यह महोत्सव केवल एक नृत्य आयोजन ही नहीं, बल्कि भारतीय नृत्य परंपरा को आगे बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बना।

निष्कर्ष
इस भव्य आयोजन ने भारतीय शास्त्रीय नृत्य प्रेमियों को एक अविस्मरणीय अनुभव प्रदान किया। कलाकारों की अद्भुत प्रस्तुतियाँ, जुगलबंदी, भाव-भंगिमाएँ, ताल और लयबद्ध नृत्य ने महोत्सव को एक ऐतिहासिक स्वरूप दिया।
यह न केवल एक सांस्कृतिक उत्सव रहा, बल्कि कथक नृत्य को नई पीढ़ी तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी सिद्ध हुआ।

स्थान: एस.पी. जेमर ऑडिटोरियम, भारतीय विद्या भवन, अंधेरी वेस्ट, मुंबई
अवसर: 31वां वार्षिक महोत्सव
आयोजक: श्रीमती जयंती माला मिश्रा और श्री राजेश मिश्रा

नृत्य साम्राज्ञी पद्मश्री सितारा देवी की विरासत को संजोता और आगे बढ़ाता यह महोत्सव, भारतीय संस्कृति और कथक प्रेमियों के लिए एक अनमोल भेंट साबित हुआ।

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