पूर्व ईडी निदेशक संजय मिश्रा बने प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य

Former ED Director Sanjay Mishra Appointed as a Member of the Prime Minister's Economic Advisory Council

नई दिल्ली, 26 मार्च 2025: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पूर्व निदेशक संजय कुमार मिश्रा को प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) का सदस्य नियुक्त किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना में इसकी पुष्टि की गई है। मिश्रा की नियुक्ति को देश की आर्थिक नीतियों और वित्तीय मामलों को और मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।

संजय मिश्रा का कार्यकाल और अनुभव

संजय मिश्रा भारतीय राजस्व सेवा (IRS) के 1984 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने नवंबर 2018 से सितंबर 2023 तक प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निदेशक के रूप में कार्य किया। उनके कार्यकाल के दौरान कई बड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामलों की जांच हुई, जिसमें पीएमएलए (Prevention of Money Laundering Act) के तहत कई हाई-प्रोफाइल मामलों पर कार्रवाई की गई।

उनकी अगुवाई में ईडी ने भ्रष्टाचार, हवाला लेनदेन और आर्थिक अपराधों के खिलाफ सख्त कदम उठाए। उनके कार्यकाल में कई राजनीतिक हस्तियों, कॉरपोरेट समूहों और आर्थिक अपराधियों के खिलाफ जांच तेज हुई। उनकी नीतियों और निर्णयों ने प्रवर्तन निदेशालय को और अधिक प्रभावी बनाया।

आर्थिक सलाहकार परिषद में उनकी भूमिका

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) एक स्वतंत्र निकाय है, जो सरकार को आर्थिक नीतियों, विकास योजनाओं और वित्तीय सुधारों पर सुझाव देती है। परिषद बजट, रोजगार, मुद्रास्फीति, आर्थिक विकास, नीति सुधार और वित्तीय स्थिरता से जुड़े मुद्दों पर सरकार को रणनीतिक सलाह देती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि मिश्रा की वित्तीय अपराधों और आर्थिक मामलों में गहरी समझ उनके नए पद को प्रभावी बनाने में मदद करेगी। उनकी नियुक्ति ऐसे समय पर हुई है, जब भारत अपनी आर्थिक नीति को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने पर जोर दे रहा है।

सरकार की ओर से क्या कहा गया?

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, “संजय मिश्रा का अनुभव भारत की वित्तीय नीति और आर्थिक नियमन को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उनकी विशेषज्ञता से सरकार को भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग से निपटने में भी मदद मिलेगी।”

पूर्व ईडी निदेशक संजय मिश्रा की नियुक्ति का क्या प्रभाव पड़ेगा?

  • आर्थिक सुधारों पर प्रभाव: उनकी नियुक्ति से सरकार की आर्थिक नीतियों को नई दिशा मिलेगी।
  • कानूनी और वित्तीय नियमन: मनी लॉन्ड्रिंग और आर्थिक अपराधों से निपटने में कड़े कदम उठाए जाने की उम्मीद।
  • नीति-निर्माण में योगदान: बजट, रोजगार, निवेश और वित्तीय नीतियों पर उनका अनुभव सरकार के लिए उपयोगी होगा।

संजय मिश्रा की नियुक्ति को सरकार की आर्थिक रणनीति को और प्रभावी बनाने के प्रयासों के रूप में देखा जा रहा है। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव भारत की वित्तीय स्थिरता और आर्थिक विकास को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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