सुनीता विलियम्स की धरती वापसी की तारीख तय, नासा ने जारी किया शेड्यूल
भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जल्द ही पृथ्वी पर लौटने वाली हैं। नासा और स्पेसएक्स ने उनकी वापसी की तारीख और समय की पुष्टि कर दी है।
भारतीय समयानुसार 19 मार्च (बुधवार) तड़के 3:27 बजे वह पृथ्वी पर लौटेंगी। उनके साथ नासा के अंतरिक्ष यात्री निक हेग, बुच विलमोर और रूसी कॉस्मोनॉट अलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी
अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) से वापसी करेंगे।
कैसे होगी सुनीता विलियम्स की वापसी?
क्रू-9 मिशन के तहत, ड्रैगन कैप्सूल में सवार अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेंगे। इसके बाद, यह कैप्सूल धीरे-धीरे नीचे आता हुआ अटलांटिक महासागर
या मेक्सिको की खाड़ी में स्प्लैशडाउन करेगा, जहां स्पेसएक्स की रिकवरी टीम पहले से तैयार होगी।
क्रू-9 मिशन: क्यों है खास?
क्रू-9 मिशन के तहत चारों अंतरिक्ष यात्रियों ने अंतरिक्ष में वैज्ञानिक अनुसंधान और तकनीकी प्रयोगों को अंजाम दिया। इस मिशन के दौरान, अंतर्राष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS)
पर माइक्रोग्रैविटी में जैविक और भौतिक अनुसंधान किया गया, जिससे भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों में मदद मिलेगी।
नासा और स्पेसएक्स की तैयारियां
मिशन प्रबंधक लगातार मौसम की स्थिति और समुद्री लहरों पर नजर रख रहे हैं, क्योंकि ड्रैगन कैप्सूल की अनडॉकिंग (स्पेस स्टेशन से अलग होने) प्रक्रिया कई कारकों पर निर्भर करती है।
इनमें शामिल हैं:
- अंतरिक्ष यान की तैयारी
- रिकवरी टीम की रणनीति
- मौसम की अनुकूलता
- समुद्री परिस्थितियां
- स्प्लैशडाउन क्षेत्र की सुरक्षा
सुनीता विलियम्स का अंतरिक्ष करियर
- सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा समय बिताने वाली भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री हैं।
- उन्होंने अब तक दो बार अंतरिक्ष यात्रा की है और अंतरिक्ष में कुल 322 दिन बिताए हैं।
- वह स्पेसवॉक (अंतरिक्ष में चहलकदमी) करने वाली दुनिया की पहली महिला कमांडर भी रह चुकी हैं।
- इस मिशन के जरिए वे स्पेसएक्स के स्टारलाइनर कैप्सूल की पहली महिला पायलट बनीं।
क्या होगा अगला कदम?
नासा और स्पेसएक्स, मिशन की वापसी के दौरान समुद्री परिस्थितियों, रिकवरी टीम की तैयारी और अन्य तकनीकी पहलुओं की निगरानी कर रहे हैं। जैसे ही सभी आवश्यक स्थितियां अनुकूल होंगी,
स्प्लैशडाउन (समुद्र में लैंडिंग) के स्थान और समय की अंतिम पुष्टि की जाएगी।
सुनीता विलियम्स और उनकी टीम की यह वापसी अंतरिक्ष अनुसंधान और मानव अंतरिक्ष यात्रा के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि मानी जा रही है।