वसई: स्वामी विवेकानंद की जयंती के उपलक्ष्य में 12 जनवरी को वर्तक विद्यावर्धिनी महाविद्यालय के सभागार में युवा दिवस का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का आयोजन राजपूताना परिवार फाउंडेशन, महाराणा प्रताप स्मारक समिति, समर्थ मराठा संस्था, और भारत विकास परिषद के संयुक्त तत्वावधान में किया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में स्थानीय नागरिक, प्रबुद्धजन और युवा उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का पहला सत्र संत तुकाराम जी के वंशज श्री अनिकेत मौर्य महाराज के व्याख्यान से प्रारंभ हुआ। उन्होंने सनातन धर्म से जुड़े मिथकों और तथ्यों पर चर्चा करते हुए बताया कि हमारे संतों ने हमेशा शस्त्र और शास्त्र दोनों की शिक्षा को महत्व दिया। उन्होंने यह भी कहा कि संत परंपरा में राष्ट्र को सर्वोपरि स्थान दिया गया है, धर्म को उसके बाद।
दूसरे सत्र में सुविख्यात वक्ता और देश के प्रबुद्ध विचारक पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने युवाओं को संबोधित किया। उन्होंने राष्ट्रीय भावना जागृत करते हुए सनातन संस्कृति, देश पर हुए आक्रमणों, और आजादी के बाद की राजनीतिक विचारधाराओं पर अपने विचार रखे। उन्होंने डॉ. बाबासाहब अंबेडकर और संविधान के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि संविधान के मूल प्रतीक में हिंदू देवी-देवताओं की तस्वीरें थीं, जिन्हें बाद में हटाया गया। उन्होंने राजनीतिक पार्टियों पर बार-बार संविधान में बदलाव कर बहुसंख्यक हिंदुओं के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया। पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ ने हिंदू समाज की चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला और कहा कि जागरूकता और एकता ही हिंदू राष्ट्र निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ, जिसे बौद्ध संत भंते कीर्तिप्रियू नागसेन, आरएसएस के जिला प्रमुख उमेश मिस्त्री, और नालासोपारा आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज के डायरेक्टर डॉ. ओमप्रकाश दुबे ने किया। राजपूताना परिवार के अध्यक्ष दद्दन सिंह ने प्रमुख वक्ताओं का शाल, श्रीफल, गुलदस्ता, और स्मृतिचिन्ह देकर सम्मान किया।
दूसरे सत्र की शुरुआत में दद्दन सिंह ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य और आयोजन के पीछे की भावना को साझा किया। डॉ. ओमप्रकाश दुबे ने राजपूताना परिवार द्वारा वर्षों से किए जा रहे राष्ट्र जागरण और सनातन संस्कृति के प्रचार-प्रसार कार्यों की सराहना की।
कार्यक्रम के अंत में दद्दन सिंह ने सभी श्रोताओं, वक्ताओं और सहयोगी संस्थाओं का आभार व्यक्त किया। इसके साथ ही उत्तम अल्पाहार की व्यवस्था के साथ कार्यक्रम का सफल समापन हुआ।