एनबीडी मुंबई,
सामाजिक व साहित्यिक संस्था अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच द्वारा आयोजित भव्य समारोह में युवा साहित्यकार पवन तिवारी को उनकी चर्चित कृति “त्यागमूर्ति हिडिंबा” के लिए प्रतिष्ठित आचार्य चतुरसेन शास्त्री पुरस्कार 2025 से अलंकृत किया गया।
यह सम्मान समारोह मुंबई के मुलुंड (पश्चिम) स्थित मुक्तेश्वर महादेव मंदिर प्रांगण में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार श्री हरीश पाठक ने की तथा संचालन साहित्यकार कुमार जैन ने किया।
सम्मान स्वरूप पवन तिवारी को शाल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह, तुलसी पौधा एवं सम्मान राशि प्रदान की गई। यह सम्मान अग्निशिखा मंच की अध्यक्षा श्रीमती अल्का पांडे के संयोजन में प्रदान किया गया।
“त्यागमूर्ति हिडिंबा” में लेखक ने महाभारत की उपेक्षित राक्षसी पात्र हिडिंबा के त्याग और आत्मबलिदान को केंद्र में रखकर उसे एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है। इस पुस्तक में हिडिंबा के स्त्री-विमर्श, सामाजिक चेतना, और आत्म-आस्था को साहित्यिक संवेदना के साथ उकेरा गया है।
समारोह में डॉ. बाबूलाल सिंह (वरिष्ठ समाजसेवी), श्रीमती कमलेश पाठक, पत्रकार दिव्या जैन, डॉ. अशोक तिवारी, कवि रामप्यारे रघुवंशी, समाजसेवी संजय दुबे सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कवयित्रियों प्रभा शर्मा एवं शिल्पा सोनटक्के ने भी पवन तिवारी को पुष्पगुच्छ, शाल व भेंटवस्तुएँ भेंट कर सम्मानित किया।
समारोह में उपस्थित प्रमुख साहित्यकारों और रचनाकारों में हैरान जौनपुरी, सदाशिव चतुर्वेदी, ओमप्रकाश सिंह, हेरंब तिवारी, नंदलाल क्षितिज, रामस्वरूप साहू, लक्ष्मी यादव, रमाकांत ओझा, पल्लवी रानी, सत्यवती मौर्य, प्रज्ज्वल वागदरी, कल्पेश मिश्रा, नीरजा ठाकुर, प्रमेन्द्र सिंह, कमलेश गुप्ता सहित कई साहित्यप्रेमी मौजूद रहे।
गौरतलब है कि पवन तिवारी की पूर्व प्रकाशित कृति “अठन्नी वाले बाबूजी” को महाराष्ट्र हिंदी साहित्य अकादमी द्वारा जैनेन्द्र पुरस्कार एवं कई अन्य राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हो चुके हैं।