एनबीडी मुंबई,
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के ताजा बयान ने भारत की विदेश नीति और संप्रभुता को लेकर देश की राजनीति में नए सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्र के नाम संबोधन से कुछ ही समय पहले ट्रम्प ने दावा किया कि अमेरिका ने “भारत-पाकिस्तान के बीच सीज़फायर करवाया”, और वह भी धमकी देकर।
ट्रम्प का बयान:
“हमने भारत और पाकिस्तान से कहा—अगर जंग नहीं रोकोगे तो व्यापार बंद कर देंगे। तब जाकर सीज़फायर हुआ।” इस चौंकाने वाले दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना (उद्धव बाला साहेब ठाकरे) के राष्ट्रीय प्रवक्ता आनंद दुबे ने मोदी सरकार से जवाब मांगा है। उन्होंने इस बयान को भारत की आत्मनिर्भर विदेश नीति के लिए खतरे की घंटी बताया।
आनंद दुबे का तीखा सवाल:

“क्या हमें कोई धमका सकता है? क्या अमेरिका ने भारत को पाकिस्तान समझ लिया है? ट्रम्प बार-बार हमारे देश के मामलों में क्यों हस्तक्षेप कर रहे हैं? प्रधानमंत्री जी को तुरंत राष्ट्र के सामने आकर यह स्पष्ट करना चाहिए कि इस बयान में कितनी सच्चाई है और भारत ने क्या प्रतिक्रिया दी है।”
दुबे ने कहा कि यह महज संयोग नहीं हो सकता कि ट्रम्प का बयान पीएम मोदी के राष्ट्र संबोधन से ठीक पहले आता है। यह किसी कूटनीतिक दबाव की ओर इशारा करता है।
विपक्ष इस मुद्दे को लेकर हमलावर है और देश की विदेश नीति को घुटनों पर बताने लगा है, जबकि सरकार की ओर से अब तक कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। अब सवाल यह है: क्या भारत की चुप्पी ही उसकी स्वीकृति मानी जाए?