पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में आतंकियों ने मंगलवार को जाफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया। इस हमले की जिम्मेदारी बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है। करीब 450 यात्रियों को बंधक बना लिया गया है और आतंकियों ने धमकी दी है कि अगर उनके खिलाफ कोई सैन्य कार्रवाई की गई, तो सभी यात्रियों की हत्या कर दी जाएगी।
कैसे हुआ ट्रेन हाईजैक?
बलूचिस्तान के बोलन जिले में आतंकवादियों ने पहले रेलवे ट्रैक को विस्फोटक से उड़ा दिया, जिससे ट्रेन को मजबूरन रुकना पड़ा। इसके बाद भारी हथियारों से लैस आतंकियों ने ट्रेन पर धावा बोल दिया और यात्रियों को बंधक बना लिया।
हमले के दौरान क्या हुआ?
- आतंकवादियों ने ट्रेन की सुरक्षा में तैनात पाकिस्तानी सैनिकों पर पहला हमला किया, जिससे कई जवान मौके पर ही मारे गए।
- अचानक हुए इस हमले में कई सैनिकों को गंभीर चोटें आईं और कुछ की मौके पर ही मौत हो गई।
- आतंकियों ने पूरी ट्रेन को चारों तरफ से घेर लिया और यात्रियों को बंदी बना लिया।
- महिलाओं, बच्चों और बलूच यात्रियों को छोड़ दिया गया, लेकिन बाकी सभी को बंधक बना लिया गया।
- अभी तक छह पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने की पुष्टि हुई है।
कौन हैं बंधकों में शामिल?
बंधकों में आम नागरिकों के अलावा पाकिस्तानी सेना के जवान, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के अधिकारी, आतंकवाद निरोधक बल (ATF) के सदस्य और पुलिसकर्मी शामिल हैं। यह भी सामने आया है कि ट्रेन में कई सरकारी अधिकारी और व्यापारी भी सफर कर रहे थे।
BLA की रणनीति और मांगें
BLA के आतंकवादियों ने कहा है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं तो वे बंधकों को मार देंगे। BLA की मुख्य मांगों में शामिल हैं: - बलूचिस्तान की स्वतंत्रता
- पाकिस्तान की सेना को बलूचिस्तान से हटाना
- बलूच नागरिकों पर हो रहे दमन को रोकना
- चीन-पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर (CPEC) को बंद करना
BLA का इतिहास और उसका मकसद
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) बलूचिस्तान की आजादी के लिए लड़ने वाला एक उग्रवादी संगठन है। यह पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ वर्षों से संघर्ष कर रहा है। यह संगठन अक्सर पाकिस्तानी सेना, पुलिस और सरकारी ठिकानों पर हमले करता रहा है, लेकिन यह पहली बार है जब उसने एक पूरी ट्रेन को हाईजैक कर लिया है।
पाकिस्तानी सेना की प्रतिक्रिया - सेना ने ट्रेन को घेरने के लिए इलाके में अतिरिक्त सैनिक भेजे हैं।
- पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने हाई-लेवल मीटिंग बुलाई है।
- सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
- सेना बंधकों को बचाने के लिए विशेष अभियान शुरू करने पर विचार कर रही है।
बचाव अभियान में आने वाली चुनौतियां - हाईजैकर्स के पास अत्याधुनिक हथियार हैं, जिससे उनके खिलाफ ऑपरेशन करना मुश्किल हो सकता है।
- अगर हमला किया जाता है, तो बंधकों की जान को खतरा हो सकता है।
- आतंकियों ने पहले ही कई सैनिकों को मार दिया है, जिससे उनके इरादे साफ नजर आ रहे हैं।
- पाकिस्तान की सेना को अंतरराष्ट्रीय दबाव का भी सामना करना पड़ रहा है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और असर - संयुक्त राष्ट्र (UN) ने इस घटना को लेकर चिंता व्यक्त की है।
- अमेरिका और यूरोपीय संघ ने पाकिस्तानी सरकार से जल्द से जल्द हल निकालने को कहा है।
- चीन, जो पाकिस्तान में भारी निवेश कर रहा है, स्थिति पर करीब से नजर बनाए हुए है।
- भारत में भी इस घटना को लेकर सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं, क्योंकि इससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ सकती है।
आगे क्या होगा?
पाकिस्तान के लिए यह घटना बहुत बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार और सेना पर दबाव है कि वे जल्द से जल्द इस स्थिति को हल करें। अगर सेना ऑपरेशन करती है, तो बंधकों की जान का खतरा बढ़ सकता है। अगर आतंकियों की मांगें मानी जाती हैं, तो यह पाकिस्तान के लिए एक बड़ी कूटनीतिक और राजनीतिक हार होगी। पूरी दुनिया की नजर इस संकट पर टिकी हुई है।