प्राकृतिक पंचतत्वों से जुड़ी हुई है, नई भोंजन प्रणाली

नयी भोंजन प्रणाली पर प्रवासी हेल्थ वेलनेस सेंटर गोरेगांव ईस्ट में एक चर्चासत्र आयोजित किया गया था। जिसमें देश में नई भोजन प्रणाली के प्रमुख सूत्रधार बी वी चौहान एवं सरोज चौहान ने लोगों को नयी भोजन पद्धति के बारे में सविस्तार जानकारी दी। उनका ऐसा कहना है कि यदि हम भोजन पर कंट्रोल कर लेते हैं, तो कोई भी बीमारी हमें नहीं होगी। हमारा जीवन प्राकृतिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए बना हुआ है, किंतु हमारे द्वारा की जाने वाली भोजन की अनियमित के कारण हमारे शरीर में कई रोगों का जन्म होता है। लाइफ स्टाइल बीमारियों की दवाएं बीमारी को ठीक करने में सक्षम नहीं होती है। विशेष रूप से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, की दवाई यह सिर्फ इनके लक्षणों को दबा देती है, उन्हें ऊपर आने से रोकती हैं। ताकि पेशेंट को इसकी तकलीफ दिखाई ना दे। किंतु यदि हम अपने जीवन पद्धति में थोड़ा सा बदलाव लाते हैं और नयी भोजन प्रणाली(NDS) को स्वीकार करते हैं। तो यह बीमारियां जड़ से खत्म हो सकती है। बहुत से लोगों ने इन बीमारियों को रिवर्स करने में सफलता पाई है। उन्होंने अपना खुद का उदाहरण दिया कि उन्हें बहुत से प्रकार की बीमारियां थी। उन सब बीमारियों से निजात उन्होंने नई भोजन पद्धति को अपनाकर पाया।

नई भोजन पद्धति का मतलब प्लांट बेस्ड फुड खाना चाहिए। याने सभी प्रकार की हरी सब्जियां, सलाद, सभी प्रकार के फ्रूटस, अंकुरित चना, मोठ,मुंग इत्यादि चीजों को भोजन में शामिल किया जाएं। संभव हो सके उतना कच्चा खाना खाना चाहिए, हो सके तो दूध एवं दूधजन्य पदार्थ, ब्रेड बिस्कुट,बेकरी से संबंधित सभी पदार्थ, प्रोसेस पैकेट में बंद फूड इत्यादि संभव हो सके तो बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।

कार्यक्रम मैं कृष्णकुमार झुनझुनवाला ने उनको शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रदीपभाई शाह ने किया। कार्यक्रम के आयोजन में श्री राजूभाई सरवैय्या का विशेष योगदान था। चर्चासत्र में मीना देवी झुनझुनवाला,दीनदयाल मुरारका, देवमणि पांडे, सुभाष काबरा,नरेंद्र मौर्य, एवं अन्य अतिथिगण विशेष रूप से उपस्थित थे। अंत में कृष्णकुमार झुनझुनवाला ने सभी उपस्थित महानुभवों का आभार प्रदर्शन किया।

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