महाराष्ट्र में सस्पेंस: Chief Minister एकनाथ शिंदे ने दिया इस्तीफा, देवेंद्र फडणवीस के लिए बीजेपी का दबाव

Suspense in Maharashtra: Eknath Shinde resigns, BJP pressure for Devendra Fadnavis

Chief Minister in Maharashtra पद को लेकर सस्पेंस: महायुति की ऐतिहासिक जीत के बाद भी फैसला बाकी Suspense in Maharashtra: Chief Minister in Maharashtra Eknath Shinde resigns, BJP pressure for Devendra Fadnavis

महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन की बड़ी जीत के बाद मुख्यमंत्री पद पर सस्पेंस तीसरे दिन भी बना हुआ है। 14वीं विधानसभा का कार्यकाल आज समाप्त हो रहा है और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन ने अब तक मुख्यमंत्री पद के लिए अंतिम फैसला नहीं लिया है।

बीजेपी और शिवसेना में मतभेद
बीजेपी नेता पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को फिर से मुख्यमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं, जबकि शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे के पक्ष में हैं। इस बीच, अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने देवेंद्र फडणवीस का समर्थन करने का फैसला लिया है।

बीजेपी के पास 132, शिवसेना के पास 57 और एनसीपी के पास 41 विधायक हैं। 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा 145 है, जिसे बीजेपी अकेले अपने दो सहयोगियों में से किसी एक का समर्थन हासिल कर पूरा कर सकती है। ऐसे में एकनाथ शिंदे के पास मुख्यमंत्री पद के लिए सीमित विकल्प रह गए हैं।

शिवसेना नेताओं का प्रदर्शन टला
मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी नेतृत्व चर्चा कर रहा है, वहीं शिवसेना के कुछ नेताओं ने शिंदे के समर्थन में मुख्यमंत्री आवास ‘वर्षा’ के बाहर प्रदर्शन की योजना बनाई थी। हालांकि, शिंदे ने अपील की कि ऐसा कोई प्रदर्शन न किया जाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “महायुति की ऐतिहासिक जीत के बाद हमारी सरकार फिर से बनेगी। हम साथ में चुनाव लड़े थे और आज भी साथ हैं। मैं अपने समर्थन के लिए सभी का आभारी हूं, लेकिन ऐसी किसी रैली का हिस्सा न बनें।”

‘बिहार मॉडल’ और शिवसेना का तर्क
शिवसेना प्रवक्ता नरेश म्हास्के ने ‘बिहार मॉडल’ का हवाला देते हुए कहा कि शिंदे को मुख्यमंत्री बने रहना चाहिए। उन्होंने कहा, “बिहार में बीजेपी ने संख्या बल न देखकर जेडीयू नेता नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया। महाराष्ट्र में भी ऐसा होना चाहिए।”

बीजेपी के तर्क और फडणवीस का समर्थन
बीजेपी नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि महाराष्ट्र के लोगों ने देवेंद्र फडणवीस के लिए जनादेश दिया है। उन्होंने फडणवीस को “कुशल और अकादमिक नेतृत्व” वाला बताया। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी फडणवीस के पक्ष में हैं।

2019 जैसा दोहराव?
2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी और शिवसेना ने क्रमश: 105 और 56 सीटें जीती थीं। लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद के कारण गठबंधन टूट गया और उद्धव ठाकरे ने एनसीपी व कांग्रेस के साथ सरकार बनाई। बाद में शिंदे के नेतृत्व में बगावत हुई और ठाकरे सरकार गिर गई।

पांच साल बाद, शिंदे फिर से ऐसी स्थिति में हैं, लेकिन इस बार बीजेपी को शिवसेना की जरूरत नहीं है। अजित पवार की एनसीपी पहले ही बीजेपी के साथ है।

राष्ट्रपति शासन की अटकलें खारिज
मुख्यमंत्री पद की घोषणा में देरी के बीच राष्ट्रपति शासन की संभावना की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि, चुनाव अधिकारियों ने पुष्टि की है कि नई 15वीं विधानसभा का गठन हो चुका है और राष्ट्रपति शासन की जरूरत नहीं होगी।

अब देखना होगा कि महाराष्ट्र की सियासत में अगला कदम क्या होता है और मुख्यमंत्री पद की यह खींचतान किस दिशा में जाती है।

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