एनबीडी मुंबई,
महाराष्ट्र सरकार ने ग्रामीण विकास, बुनियादी ढांचे और लोक कल्याणकारी योजनाओं को गति देने के लिए 6,486.20 करोड़ रुपये की पूरक मांगें विधानमंडल में पेश की हैं। इस बजट का शुद्ध भार 4,245.94 करोड़ रुपये होगा। उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री अजित पवार ने बजट सत्र के पहले दिन यह प्रस्ताव विधान सभा में प्रस्तुत किया।
इस पूरक बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), मुख्यमंत्री बळीराजा वीजदरसवलत योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य योजना, राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना, पुणे रिंग रोड, जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे, और मराठवाड़ा की सिंचाई परियोजनाओं को प्रमुखता दी गई है।

ग्रामीण और कृषि क्षेत्र को मिलेगा बड़ा लाभ
सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में घर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 3,752 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसके अलावा, कृषि पंप उपभोक्ताओं को 2,000 करोड़ रुपये की बिजली दर सब्सिडी देने का निर्णय लिया गया है, जिससे किसानों को राहत मिलेगी।
बुनियादी ढांचे और सड़क निर्माण को मिलेगा प्रोत्साहन
राज्य में सड़क और पुल परियोजनाओं को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार से 1,450 करोड़ रुपये का ब्याज मुक्त ऋण लिया जाएगा। पुणे रिंग रोड और जालना-नांदेड़ एक्सप्रेसवे जैसी प्रमुख परियोजनाओं को भी इस बजट से गति मिलेगी।

शिक्षा और स्वास्थ्य को बढ़ावा
छात्रों को राहत देने के लिए राजर्षि छत्रपति शाहू महाराज शिक्षा शुल्क छात्रवृत्ति योजना में 375 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (NRHM) के तहत स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार के लिए 335 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है।
मराठवाड़ा में जल परियोजनाओं को बढ़ावा
मराठवाड़ा के जल संरक्षण और सिंचाई परियोजनाओं को मजबूत करने के लिए बळीराजा जल संजीवनी योजना के तहत 175 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया है।
मुख्यमंत्री की प्रतिबद्धता: ग्रामीण विकास और आधारभूत संरचना को प्राथमिकता
महाराष्ट्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि राज्य के ग्रामीण और शहरी विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि, शिक्षा, सड़क निर्माण, जल प्रबंधन और बिजली आपूर्ति में सुधार के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
सरकार के इस फैसले से गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार होगा, किसानों को राहत मिलेगी और बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी।