मुस्लिम संगठनों का आरोप है कि वक्फ बिल उनकी मस्जिदों और दरगाहों के लिए खतरा पैदा करेगा। इससे पहले, मुस्लिम संगठन दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर चुके हैं, और अब वे पटना में विरोध कर रहे हैं। यह प्रदर्शन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बिहार में चुनाव होने वाले हैं। वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ विरोध तेज हो गया है, और बुधवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड सहित अन्य मुस्लिम संगठन सड़कों पर उतर आए।
RJD का समर्थन, लालू-तेजस्वी पहुंचे धरना स्थल
राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है। पार्टी प्रमुख लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव खुद प्रदर्शनकारियों के बीच पहुंचे और मंच साझा किया। तेजस्वी यादव ने कहा, “इस बिल के खिलाफ सभी को एकजुट होना पड़ेगा। कुछ दल सत्ता के लालच में इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन RJD हमेशा मुस्लिम समाज के साथ खड़ी रही है। यह बिल देश को तोड़ने की साजिश है। लोकतंत्र और भाईचारे को खत्म करने की कोशिश की जा रही है।”
AIMIM ने भी दिया समर्थन
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी वक्फ बिल के खिलाफ बुलाए गए इस प्रदर्शन का समर्थन किया। AIMIM विधायक अख्तरुल इमान ने गर्दनीबाग में पहुंचकर मुस्लिम संगठनों का समर्थन किया।
विरोध पर सियासी बयानबाजी तेज
हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने इस धरने पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह लोग सिर्फ राजनीति कर रहे हैं। धरना देने वाले कठमुल्ले हैं और धार्मिक भावनाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी सभी धर्मों की एकता में विश्वास रखते हैं।”
बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने भी इस मुद्दे को राजनीति से प्रेरित बताया और कहा, “ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) वक्फ बिल को लेकर भ्रम फैला रहा है और मुस्लिम समाज में जहर घोलने की कोशिश कर रहा है। अगर उन्हें आपत्ति है, तो वे कोर्ट जा सकते हैं, लेकिन इसे असंवैधानिक बताना गलत है।”
बीजेपी नेता मोहसिन रजा ने कहा, “जिनका व्यक्तिगत स्वार्थ प्रभावित हो रहा है, वही लोग इस बिल का विरोध कर रहे हैं। यह विरोध मुसलमानों के लिए नहीं, बल्कि अपने निजी फायदे के लिए किया जा रहा है।”
बीजेपी ने दी सफाई
बीजेपी सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने बताया कि संयुक्त संसदीय समिति (JPC) ने इस बिल की समीक्षा की है, जिसमें सभी पार्टियों के नेता शामिल थे। उन्होंने कहा, “JPC ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है, अब संसद को फैसला करना है। वक्फ के नाम पर जमीनों पर कब्जा किया जा रहा था, जिसे रोकना जरूरी है।”
बिहार चुनाव से पहले वक्फ संशोधन बिल को लेकर विरोध प्रदर्शन राजनीतिक तूल पकड़ चुका है। विपक्षी दलों का आरोप है कि यह बिल धार्मिक स्थलों के लिए खतरा है, जबकि सरकार का कहना है कि यह पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है।