बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नेतृत्व वाली एनडीए सरकार महिलाओं के लिए एक बड़ी योजना की घोषणा कर सकती है। महाराष्ट्र और दिल्ली की तर्ज पर बिहार में भी ‘महिला सम्मान योजना’ लागू करने पर विचार किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो सरकार जुलाई तक इस योजना की घोषणा कर सकती है, ताकि चुनाव से पहले महिलाओं के बैंक खातों में आर्थिक सहायता पहुंचाई जा सके।
बीजेपी के रणनीतिकारों का मानना है कि यह योजना मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, ओडिशा, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में गेम चेंजर साबित हुई है, जिससे महिलाओं का झुकाव इन राज्यों में बीजेपी की ओर बढ़ा। इसी तर्ज पर बिहार में भी इसे लागू करने की तैयारी हो रही है।
कितनी होगी राशि? किन महिलाओं को मिलेगा लाभ?
सूत्रों के अनुसार, इस योजना का नाम और लाभार्थी महिलाओं को दी जाने वाली धनराशि पर अभी मंथन चल रहा है। हालांकि, इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और उन्हें सरकार के प्रति सकारात्मक झुकाव देना है। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह योजना गरीब और मध्यमवर्गीय महिलाओं को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी, जिससे वे अपनी आर्थिक स्थिति को सुधार सकें।
संभावना है कि इस योजना में महिलाओं को हर महीने एक निश्चित राशि उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी। हालांकि, यह राशि कितनी होगी और इसका लाभ किन महिलाओं को मिलेगा, यह स्पष्ट नहीं हुआ है।
बिहार में विधानसभा चुनाव: कौन किस स्थिति में?
बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। वर्तमान में एनडीए (बीजेपी, जेडीयू, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा, लोजपा-रामविलास) की सरकार है, और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन में राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, वामदल (CPI, CPI(M), CPI(ML)) और अन्य दल शामिल हैं।
2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक 75 सीटें राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने जीती थीं, जबकि बीजेपी ने 74 सीटों पर जीत हासिल की थी। जेडीयू ने 43 सीटें जीती थीं, कांग्रेस को 19 सीटें, CPI (ML) को 12, AIMIM को 5, विकासशील इंसान पार्टी को 4, हिंदुस्तान आवाम मोर्चा को 4, CPI और CPI(M) को 2-2 सीटें मिली थीं। इसके अलावा, 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए थे।
वर्तमान स्थिति:
- बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं, और बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत होती है।
- इस समय बीजेपी के 80 विधायक और जेडीयू के 44 विधायक हैं।
- जीतनराम मांझी की पार्टी HAM (S) के 4 विधायक भी एनडीए के साथ हैं।
महिला वोट बैंक पर टिका है चुनाव!
बिहार में महिला वोटरों की संख्या काफी अधिक है, और वे चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाती हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में महिलाओं का मतदान प्रतिशत पुरुषों से अधिक था। यही वजह है कि सभी राजनीतिक दल महिलाओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
- बीजेपी और एनडीए को उम्मीद है कि ‘महिला सम्मान योजना’ से महिला वोटरों का झुकाव उनके पक्ष में होगा।
- RJD और विपक्षी दल सरकार की इस योजना को चुनावी स्टंट करार देकर अपनी रणनीति बना रहे हैं।
अगर यह योजना लागू होती है, तो इसका असर बिहार की राजनीति पर गहरा पड़ सकता है और चुनावी समीकरण बदल सकते हैं। अब देखना होगा कि नीतीश सरकार इस योजना को कब और कैसे लागू करती है।
निष्कर्ष
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं, और सरकार महिलाओं को साधने के लिए नई योजनाओं पर काम कर रही है। ‘महिला सम्मान योजना’ की घोषणा अगर जल्द होती है, तो यह चुनावी माहौल में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है। अब सभी की निगाहें इस पर टिकी हैं कि बिहार की महिलाओं को क्या फायदा मिलेगा और इसका राजनीतिक असर क्या होगा।