एनबीडी नई दिल्ली,
भारतीय सशस्त्र बलों ने एक बार फिर आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही करते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। यह जवाबी कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की गई, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी।
आतंक का केंद्र पर था लक्ष्य
भारतीय वायुसेना और विशेष बलों ने जिन ठिकानों को निशाना बनाया, उनमें जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख लॉन्चिंग पैड्स शामिल थे।
बहावलपुर, सियालकोट, कोटली, मुरीदके, बाघ और मुजफ्फराबाद में स्थित इन ठिकानों पर रात भर चली कार्रवाई में करीब 62 आतंकवादियों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। इनमें से एक प्रमुख ठिकाना था “कंट्रोल रूम 88”, जो PoK में जैश का नया ऑपरेशनल हेडक्वार्टर था।
सैन्य रणनीति और सटीकता
इस ऑपरेशन में भारत ने अत्याधुनिक ड्रोन, स्मार्ट बम और रीयल टाइम इंटेलिजेंस का प्रयोग किया। IAF के मिराज-2000 और राफेल विमानों ने बेहद सटीकता से निशाने साधे। रक्षा सूत्रों के अनुसार, “यह सिर्फ बदला नहीं, आतंक के आधारभूत ढांचे पर एक रणनीतिक प्रहार था।”
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और अंतरराष्ट्रीय स्थिति
पाकिस्तान सरकार ने भारतीय हमलों की निंदा की है और दावा किया कि इससे 8 नागरिकों की मौत हुई है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसे “भारत की ओर से युद्ध की घोषणा” बताया और जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है।
उधर, भारत ने साफ किया है कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ है, पाकिस्तान के खिलाफ नहीं। भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह संदेश दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा और संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा।
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, फ्रांस और रूस समेत कई देशों ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है।
भारत में जनसमर्थन
देशभर में इस सर्जिकल स्ट्राइक की तुलना 2016 के सर्जिकल ऑपरेशन और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक से की जा रही है। सोशल मीडिया पर ‘#OperationSindoor’ ट्रेंड कर रहा है और शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए जनता ने इस कार्रवाई का समर्थन किया है।
सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट
भारत के सभी प्रमुख एयरबेस, खासकर पंजाब और जम्मू-कश्मीर, को हाई अलर्ट पर रखा गया है। दिल्ली, मुंबई, अमृतसर सहित प्रमुख शहरों में सुरक्षा बलों की तैनाती बढ़ा दी गई है।
यह ऑपरेशन सिर्फ एक सैन्य मिशन नहीं, बल्कि भारत की ओर से आतंकवाद को दिए गए स्पष्ट संदेश का प्रतीक है — “हम क्षमा कर सकते हैं, पर भूलेंगे नहीं।”