एनबीडी नई दिल्ली,
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर तालकटोरा स्टेडियम, दिल्ली में पारस जी महाराज के दिव्य सान्निध्य में भव्य आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ। हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में पूरा स्टेडियम भक्ति-रस में सराबोर हो उठा। पारस जी महाराज के भजनों ने भक्तों को भावविभोर कर दिया और सभी ने उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
अपने प्रवचन में पारस जी महाराज ने कहा कि “सनातन संस्कृति और परंपरा ही भारत की आत्मा है, और इसे अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए हमें अपनी नई पीढ़ी को धर्म और मूल्यों की शिक्षा देना आवश्यक है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सनातन धर्म में जागरूकता केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं, बल्कि यह जीवन को सार्थक व उद्देश्यपूर्ण बनाने का मार्ग है।
गुरुदेव ने यह भी घोषणा की कि वे शीघ्र ही एक धार्मिक यात्रा पर निकलेंगे, जिसमें न केवल धर्म का प्रचार होगा बल्कि न्याय वंचित लोगों को न्याय दिलाने और बेटियों की सुरक्षा जैसे विषयों पर भी संवाद होगा। उन्होंने कहा, “धर्म की रक्षा तभी संभव है जब समाज में न्याय हो।”
मंच से उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “सनातन रक्षक” की उपाधि देते हुए कहा कि राम मंदिर और कल्कि धाम जैसे कार्य उनके नेतृत्व में ही संभव हो सके।
कार्यक्रम में शिवसेना नेता अभिषेक वर्मा का पारस जी महाराज ने पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। वर्मा जी ने कहा, “पारस जी का जीवन सनातन धर्म और सेवा को समर्पित है, वे केवल प्रवचनकर्ता नहीं, बल्कि समाज-निर्माता हैं।”
इस आयोजन में कानपुर के सांसद रमेश अवस्थी, गृह मंत्रालय के चीफ सिक्युरिटी ऑफिसर अनिल चतुर्वेदी, आलोक द्विवेदी, संदीप सिंह, अविनाश सिंह और डॉ. पीयूष जैसे विशिष्ट अतिथि भी शामिल रहे।
यह कार्यक्रम सनातन धर्म की जागरूकता, सामाजिक एकता और राष्ट्र निर्माण की भावना को समर्पित रहा।