सिर्फ प्रतापगढ़ परिवार” का छठवां स्नेह सम्मेलन संपन्न

एनबीडी मुंबई,

मुंबई में रहने वाले प्रवासी प्रतापगढ़वासियों के लोकप्रिय संगठन “सिर्फ प्रतापगढ़ परिवार” का छठवां स्नेह सम्मेलन रविवार को मालाड (पश्चिम) स्थित सिल्वर ओक रेस्टोरेंट सभागार में बड़े उत्साह और सौहार्द के साथ संपन्न हुआ।

भारी बारिश के बावजूद सैकड़ों की संख्या में प्रवासी प्रतापगढ़वासी सम्मेलन में पहुंचे, जिससे आयोजकों के उत्साह को नई उड़ान मिली। कार्यक्रम का मार्गदर्शन डॉ. अमर मिश्र ने किया, जिनके नेतृत्व में यह आयोजन प्रवासी प्रतापगढ़ियों के बीच एकता, संवाद और सहयोग का प्रतीक बन गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता चंदीपुर धाम के संस्थापक पं. अरुण मिश्र ने की, जबकि कोहंडौर में शैक्षणिक हब की स्थापना करने वाले शिक्षाविद् पं. दिनेश त्रिपाठी मुख्य अतिथि रहे।

विशिष्ट अतिथियों में मुंबई विश्वविद्यालय के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. करुणाशंकर उपाध्याय, प्रसिद्ध पार्श्वगायक रवी त्रिपाठी, लोकगायक संजय तिवारी सफल, दीपक सुहाना, हास्य कवि सुरेश मिश्र, पं. लक्ष्मण द्विवेदी (श्रीराम मंदिर, जोगेश्वरी), शिखर न्यूज़ के प्रमुख सुरेश शुक्ल और आनंद पांडेय शामिल रहे, जिन्होंने अपनी प्रस्तुतियों और विचारों से सभा को जीवंत बना दिया।

इस अवसर पर डॉ. अमर मिश्र ने संकल्प लिया कि मुंबई, ठाणे, कल्याण, डोंबिवली, मीरा-भाईंदर, वसई-विरार, पालघर और नवी मुंबई में रहने वाले दस हजार से अधिक प्रतापगढ़ वासियों को एक साझा मंच पर जोड़कर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए ठोस पहल की जाएगी।

कार्यक्रम के सांस्कृतिक सत्र में गीत, संगीत और हास्य की प्रस्तुतियों ने माहौल को उल्लासमय बना दिया।

इस अवसर पर एडवोकेट विनय दूबे, सुभाष पांडेय, प्रदीप दूबे, मुन्ना पांडेय, रामप्रकाश पांडेय, राजेश पांडेय, आशीष दुबे, अखिलेश तिवारी, पवन शुक्ला, संतोष पांडेय, दुर्गेश पांडेय, के.के. तिवारी, उद्योगपति संजय मिश्रा, लल्लन पांडेय, भोला गिरी, शशीकांत पांडेय, अरविंद शुक्ल, अनिल बारी, अनुपम शुक्ल, नीलेश मिश्रा, संजय शुक्ला, स्वामीनाथ मिश्रा, दिवाकर पांडेय, अचिंत्य मिश्र, संतोष शुक्ला, नरसिंह पाल, संतोष तिवारी, सुशील पाण्डेय, मुकेश दूबे, अरविन्द शुक्ला, बृजेश पाण्डेय, दीपक सुहाना,सहित पत्रकारिता, साहित्य, शिक्षा और उद्योग जगत की अनेक हस्तियां उपस्थित थीं।

कार्यक्रम का संचालन हास्य सम्राट सुरेश मिश्र ने अपनी चुटीली शैली में किया, जबकि अंत में अविनाश पांडेय ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा , “हमारा उद्देश्य केवल मिलना-जुलना नहीं, बल्कि अपने मूल जनपद की संस्कृति, संस्कार और सहयोग की परंपरा को मुंबई की मिट्टी में रोपना है। जब प्रवासी प्रतापगढ़वासी एक मंच पर आते हैं, तो यह केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि अपनेपन की पुनर्स्थापना होती है।”

अविनाश पांडेय ने सभी उपस्थित जनों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सातवें सम्मेलन को और भव्य रूप में आयोजित करने का संकल्प भी व्यक्त किया।

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