विधायक मिहीर कोटेचा की अस्पताल या गोल्फ क्लब बनने की संभावना
एनबीडी मुलुंड,
मुलुंड और आसपास के क्षेत्रों के नागरिकों के लिए एक आशा की किरण उभरी है। वर्षों से बंद और उपेक्षित पड़ा मुलुंड डंपिंग ग्राउंड, जो 2018 से निष्क्रिय है, अब एक नए रूप में विकसित हो सकता है। स्थानीय विधायक श्री मिहिर कोटेचा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस जमीन के बेहतर उपयोग के लिए दो सुझाव दिए हैं – एक बहुउद्देशीय आधुनिक अस्पताल या फिर एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का गोल्फ क्लब।
विधायक कोटेचा ने कहा कि यह जमीन वर्षों से खाली पड़ी है और अब समय आ गया है कि इसे नागरिकों के कल्याण के लिए उपयोग किया जाए। उनका मानना है कि यदि इस पर अस्पताल का निर्माण होता है, तो मुलुंड, भांडुप, कांजुरमार्ग, ठाणे सहित आसपास के लाखों लोगों को चिकित्सा सुविधा सुलभ होगी। वहीं दूसरी ओर, गोल्फ क्लब जैसी परियोजना से क्षेत्र में खेल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, और आर्थिक गतिविधियाँ भी तेज़ होंगी।

डंपिंग ग्राउंड का इतिहास:
मुलुंड डंपिंग ग्राउंड एक समय में पूरे मुंबई शहर का ठोस कचरा जमा करने का प्रमुख केंद्र था। लेकिन पर्यावरणीय समस्याओं, प्रदूषण और नागरिकों की शिकायतों को देखते हुए वर्ष 2018 में इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया। इसके बाद इस क्षेत्र को साफ-सुथरा किया गया, परंतु इसका दोबारा उपयोग कैसे किया जाए, इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं हो सका।
अब महालक्ष्मी रेसकोर्स के स्थानांतरण की चर्चा के बाद इस जमीन को विकसित करने को लेकर सरकार गंभीर दिख रही है। श्री कोटेचा ने यह भी बताया कि उन्होंने इस विषय में मुख्यमंत्री से विशेष आग्रह किया है कि इस भूमि का उपयोग केवल सौंदर्यीकरण के लिए नहीं, बल्कि आम जनता की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाए।
स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया:
इस खबर के सामने आने के बाद मुलुंड के निवासियों में उत्साह का माहौल है। लोग उम्मीद जता रहे हैं कि छह सालों से ठप पड़ी इस जमीन पर अब कोई ऐसा निर्माण हो, जो समाज के हित में हो और क्षेत्र के विकास में योगदान दे।
यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस प्रस्ताव को किस दिशा में आगे बढ़ाती है – क्या यह जमीन अस्पताल के रूप में जीवनदायिनी बनेगी या गोल्फ क्लब के रूप में क्षेत्र को एक नई पहचान देगी। दोनों ही प्रस्ताव विकास की दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं।