बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने फैसले का किया स्वागत
एनबीडी मुंबई,
महाराष्ट्र सरकार ने विलंबित जन्म प्रमाणपत्रों के मामले में बड़ा और सख्त फैसला लिया है। अब से महाराष्ट्र में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों को विलंबित जन्म प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा। इस फैसले का सीधा असर राज्य में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों पर पड़ेगा।
फैसला क्यों लिया गया?
जुलाई 2024 से 31 दिसंबर 2024 के बीच 2,23,000 से अधिक आवेदन विलंबित जन्म प्रमाणपत्र के लिए जमा किए गए थे। जांच में सामने आया कि इन आवेदनों के पीछे एक बड़े रैकेट का हाथ है, जिसमें कुछ राजनेता, बांग्लादेशी एजेंट और सरकारी तंत्र के निचले स्तर के अधिकारी शामिल थे। इन लोगों ने मिलकर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने की साजिश रची थी। इस पूरे मामले की जांच शुरू हो चुकी है और फर्जी प्रमाणपत्रों को रद्द करने की प्रक्रिया जारी है।
किरीट सोमैया ने फैसले का किया स्वागत
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले की सराहना की है और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का आभार व्यक्त किया है। किरीट सोमैया ने कहा:
“महाराष्ट्र में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और पाकिस्तानी घुसपैठियों को स्थानीय नागरिक बनाने की गहरी साजिश रची जा रही थी। लेकिन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस साजिश को समय रहते उजागर कर दिया और इस पर सख्त कार्रवाई की। मैं इस साहसिक और राष्ट्रहित के फैसले के लिए मुख्यमंत्री फडणवीस का आभार व्यक्त करता हूं।”
मुख्यमंत्री फडणवीस ने दिए कड़े आदेश
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मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि महाराष्ट्र में बांग्लादेशी, रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों को किसी भी स्थिति में जन्म प्रमाणपत्र या नागरिकता संबंधी दस्तावेज जारी न किए जाएं। उन्होंने कहा कि अवैध रूप से रह रहे घुसपैठियों को राज्य में बसने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
फर्जी दस्तावेज और आवेदनों की जांच शुरू
सरकार ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मिले सभी प्रमाणपत्रों की गहन जांच के आदेश दिए हैं। दोषियों के खिलाफ फौजदारी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को रैकेट के पीछे के मुख्य आरोपियों का पता लगाने और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
सरकारी सूत्रों के अनुसार:
• सभी जिलाधिकारियों को इस फैसले के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
• पुलिस को फर्जी प्रमाणपत्र से जुड़े आरोपियों की पहचान कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
• फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मिले सभी प्रमाणपत्र रद्द किए जाएंगे।
भविष्य में अवैध घुसपैठ पर लगेगी रोक
सरकार के इस सख्त फैसले से महाराष्ट्र में अवैध घुसपैठ पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। राज्य में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी, रोहिंग्या और पाकिस्तानी नागरिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को लेकर राज्य में राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है।