महाराष्ट्र चुनाव 2024: कोरोना महामारी के प्रबंधन में उद्धव ठाकरे सफल रहे या असफल? जानें क्या कहती है जनता

Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इस दौरान एक ही चरण में 288 सीटों पर मतदान होंगे. हालांकि, ये बात हर एक को पता होता है कि चुनाव के दौरान हर पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी करती है, जिसमें वादों की बौछार कर देती है. रोजगार से लेकर स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सुरक्षा तक, हर वर्ग को साधने की कोशिश की जाती है. महाराष्ट्र में महायुति और महाविकास आघाडी ने भी पिछले विधानसभा चुनाव के लिए मैनिफेस्टो जारी किए थे. फिर से अगले 5 साल के लिए वादे किए गए हैं. ऐसे में, एबीपी न्यूज ने 2019 में किए गए वादों की पड़ताल की है. दरअसल, कोरोना महामारी का समय गुजर चुका है, लेकिन वो समय कैसा था सबको आज भी याद है. जिस समय देश में कोरोना काल था, महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी की सरकार थी. वहीं, उद्धव ठाकरे का कहना है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान कोरोना महामारी को बहुत अच्छे से मैनेज किया था,लेकिन मुंबई की जनता ने तत्कालीन उद्धव सरकार के तमाम दावों को फेल बताया है. 'डेड बॉडी के कवर में किया घोटाला' मुंबई की जनता का कहना है "ग्राउंड पे जो हालात थे, वो पूरे महाराष्ट्र के पब्लिक ने देखा है. उन्होंने डेड बॉडी के कवर में घोटाला किया. हर एक चीज में उनका घोटाला है तो वो कैसे कह सकते हैं कि महाराष्ट्र में उन्होंने कोविड को अच्छे से संभाला. उन्होंने बाकी चीजों को देखा, लेकिन कोविड को मैनेज नहीं किया. कोविड को अगर मैनेज किया होता तो बहुत सारे घोटाले नहीं हुए होते. उनका खिचड़ी घोटाला भी बहुत फेमस हुआ था". खिचड़ी घोटाला पर क्या बोली जनता? एबीपी न्यूज से बात करते हुए एक शख्स ने कहा कि उद्धव साहब तो सबसे पहले घर से निकले ही नहीं. वो कहते हैं कि कोरोना को मैनेज किया,कोरोना संभाला, महाराष्ट्र की जनता का अच्छा काम किया, ये सब सिर्फ बोलने की बात है. खिचड़ी घोटाला तो जानते ही होंगे गवर्नमेंट ने ऑफिशियली 300 ग्राम की खिचड़ी दिया था, लेकिन 300 ग्राम की खिचड़ी में से सिर्फ 200 ग्राम ही लोगों तक पहुंची. पीपीई किट में भी इन्होंने घोटाला किया, वैक्सीनेशन के टाइम पर उन्होंने हर चीज में घोटाला किया". दूसरे ने कहा "ढाई साल तक जो मुख्यमंत्री रहे उन्होंने फेसबुक से सरकार चलाई, फेसबुक से सरकार चलाई जाती है क्या?. लोगों के बीच में उतर के काम करना पड़ता है आप महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री हो आप डर से घर पर बैठ जाओगे,ये सोचकर की मेरा परिवार मेरी जिम्मेदारी है. उन्होंने बस खुद के परिवार की जिम्मेदारी रखी". 'जनता समझदार है अच्छे से जवाब देगी' एक वोटर ने कहा "जो मुख्यमंत्री ढाई साल तक मंत्रालय नहीं जाता है, मंत्रालय की सीढ़ियां नहीं चढ़ता, वह सरकार कैसे चलाएगा. अभी 2024 का विधानसभा चुनाव है, महाराष्ट्र की जनता समझदार है अच्छे से जवाब देगी, देखिए कोरोना एक ऐसी महामारी थी, जिसमें बीमारी के कारण नहीं बल्कि दुनिया में दहशत से लोग ज्यादा परेशान हो रहे थे और ऐसे में होता है कि कोई हमें दो सहानुभूति के शब्द कह दे. ऐसे में हमारे मुख्यमंत्री जी गायब थे, तो जब हमारे परिवार का मुखिया गायब था और उससे हमें कोई सहानुभूति नहीं मिल रही थी".

महाराष्ट्र का मूड बदल रहा है या जस का तस? उद्धव ठाकरे कोरोना महामारी प्रबंधन में सफल रहे या असफल?

महाराष्ट्र में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र, एबीपी न्यूज़ ने महाराष्ट्र के वोटरों से बातचीत की और उद्धव ठाकरे सरकार के कोरोना प्रबंधन पर लोगों की राय जानी। महाराष्ट्र में 20 नवंबर को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिसमें एक ही चरण में 288 सीटों पर मतदान होगा। चुनावों के दौरान हर पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी करती है जिसमें जनता से कई वादे किए जाते हैं, जिसमें रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा और महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है।

कोरोना महामारी का समय और उद्धव ठाकरे की सरकार

कोरोना महामारी के दौरान महाराष्ट्र में महाविकास आघाड़ी की सरकार थी। उद्धव ठाकरे का कहना है कि उन्होंने इस संकट का प्रभावी ढंग से प्रबंधन किया, लेकिन मुंबई की जनता ने उनके इस दावे को खारिज कर दिया। जनता का मानना है कि ठाकरे सरकार ने कोरोना प्रबंधन में कई स्तर पर घोटाले किए और जनता के भरोसे को ठेस पहुंचाई।

‘डेड बॉडी कवर’ घोटाला

मुंबई के नागरिकों का कहना है कि कोरोना महामारी के समय उद्धव ठाकरे सरकार ने हर एक चीज़ में घोटाले किए। जनता का कहना था, “डेड बॉडी के कवर तक में घोटाला किया गया। कोविड को सही तरीके से संभाला नहीं गया, और यदि किया गया होता तो इतने घोटाले सामने नहीं आते। उनका खिचड़ी घोटाला भी बहुत चर्चित रहा।”

खिचड़ी घोटाले पर जनता की राय

एक स्थानीय नागरिक ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा, “उद्धव साहब ने घर से बाहर निकल कर काम नहीं किया। वे कहते हैं कि कोरोना को अच्छे से मैनेज किया, लेकिन यह सब कहने की बात है। खिचड़ी घोटाला भी एक बड़ा मुद्दा बना, जिसमें 300 ग्राम खिचड़ी का वादा किया गया, लेकिन सिर्फ 200 ग्राम ही लोगों तक पहुंची। PPE किट और वैक्सीनेशन के दौरान भी घोटाले किए गए।”

‘फेसबुक से सरकार चलाई’

एक अन्य नागरिक ने कहा, “ढाई साल तक उद्धव ठाकरे फेसबुक से सरकार चलाते रहे। मुख्यमंत्री को जनता के बीच में उतरकर काम करना चाहिए, लेकिन वे घर पर बैठे रहे। जब कोरोना का खौफ हर जगह था, तब वे सिर्फ अपने परिवार की सुरक्षा में लगे रहे।”

‘जनता समझदार है, चुनाव में जवाब देगी’

एक वोटर ने कहा, “जो मुख्यमंत्री ढाई साल तक मंत्रालय नहीं जाता, वह सरकार कैसे चलाएगा? महाराष्ट्र की जनता समझदार है और 2024 के चुनाव में उन्हें जवाब देगी। कोरोना एक ऐसी स्थिति थी जिसमें सहानुभूति की ज़रूरत थी, लेकिन हमारे मुख्यमंत्री गायब थे। ऐसे में जनता का भरोसा टूटना स्वाभाविक था।”

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