IIT बाबा: IIT बॉम्बे के ग्रेजुएट और संन्यासी बने अभय सिंह, जिन्हें ‘IIT बाबा’ के नाम से जाना जाता है, अपने माता-पिता की तमाम कोशिशों के बावजूद घर लौटने को तैयार नहीं हैं। अभय सिंह के माता-पिता का कहना है कि उनका बेटा उनकी बात नहीं मानेगा।
महाकुंभ 2025 के दौरान, जहां श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा हो रही है और संत अमृत स्नान कर रहे हैं, वहीं ‘IIT बाबा’ नाम का यह संन्यासी चर्चा का विषय बना हुआ है।
IIT बॉम्बे से संत बनने का सफर:
IIT बॉम्बे से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद, अभय सिंह ने संन्यास का जीवन चुना। छह महीने पहले परिवार से सारे रिश्ते तोड़ चुके अभय सिंह के पिता करण ग्रेवाल बेटे की वापसी की आस लगाए हुए हैं। उन्होंने बताया, “उसकी मां ने उसे वापस आने को कहा, परिवार की जिम्मेदारी संभालने को कहा, लेकिन उसने जवाब दिया कि संन्यासी बनने के बाद यह संभव नहीं है।”
अभय सिंह के माता-पिता की बेबसी:
करण ग्रेवाल ने नवभारत दर्पण से कहा, “हम चाहते हैं कि वह घर लौट आए, लेकिन उसे मजबूर नहीं कर सकते। वह हमेशा से आत्मनिर्भर था और हर किसी को अपनी जिंदगी अपनी तरह जीने का अधिकार है।”
घर लौटने से इनकार के पीछे की वजह:
अभय सिंह ने बताया कि उनके बचपन में उनके माता-पिता के बीच होने वाले झगड़ों ने उन्हें गहराई से आघात पहुंचाया। भले ही उन्होंने खुद घरेलू हिंसा का सामना नहीं किया, लेकिन माता-पिता के झगड़ों ने उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर दिया। अभय ने कहा कि इस पारिवारिक कलह से बचने के लिए वह अक्सर रातभर पढ़ाई में लगे रहते थे।
जब उनसे शादी न करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उनके माता-पिता के झगड़ों का उनकी इस निर्णय पर गहरा असर पड़ा। वह एक शांतिपूर्ण और अकेला जीवन जीना चाहते हैं।
महाकुंभ 2025 में ‘3 इडियट्स’ का जिक्र:
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में महाकुंभ 2025 में दुनियाभर से श्रद्धालु इकट्ठा हो रहे हैं। इसी दौरान, एक एयरोस्पेस इंजीनियर का संन्यासी बनकर यहां आना सभी के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है।
(IIT बाबा की कहानी महाकुंभ के इस अद्भुत आयोजन को और भी खास बना रही है।)