गाजा में संघर्ष विराम के बीच इज़रायल ने बड़े पैमाने पर हवाई हमले किए हैं, जिसमें करीब 200 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए हैं। गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ये हमले शुक्रवार सुबह हुए और इज़रायली सेना ने कई रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाया। ये हमला 17 जनवरी को युद्ध विराम लागू होने के बाद सबसे बड़ा सैन्य अभियान बताया जा रहा है।
इज़रायल का पक्ष और नेतन्याहू का बयान
इज़रायली प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान जारी कर कहा कि युद्ध विराम को आगे बढ़ाने के अमेरिकी प्रस्तावों को हमास द्वारा अस्वीकार करने के बाद यह कार्रवाई की गई। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि बातचीत में कोई प्रगति नहीं हो रही थी, इसलिए उन्होंने हमलों का आदेश दिया।
एपी (AP) की रिपोर्ट के मुताबिक, नेतन्याहू पहले ही यह संकेत दे चुके थे कि अगर युद्ध विराम वार्ता असफल रहती है तो इज़रायल सैन्य अभियान फिर से शुरू करेगा। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि यह हमला केवल दबाव बनाने के लिए किया गया या इज़रायल युद्ध को पूरी तरह फिर से तेज करने की योजना बना रहा है।
हमास का जवाब और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
हमास के वरिष्ठ अधिकारी ताहिर नुनू ने इज़रायली हमलों की कड़ी आलोचना की और कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक नैतिक परीक्षा का समय है। उन्होंने कहा,
“या तो दुनिया इज़रायल को फिलिस्तीनियों पर अत्याचार करने की छूट देगी, या फिर इस हमले को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगी।”
इस हमले के बाद गाजा के मिडिल एरिया में कई जगहों पर धमाकों की आवाजें सुनी गईं और अल-अक्सा हॉस्पिटल में घायलों की भारी संख्या देखी गई।
संयुक्त राष्ट्र (UN) और कई अंतर्राष्ट्रीय संगठनों ने इस हमले पर चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और सभी पक्षों से संयम बरतने की अपील कर रहे हैं।
युद्ध विराम समझौता कैसे टूटा?
गाजा में युद्ध रोकने के लिए नवंबर में एक युद्ध विराम समझौता हुआ था, जिसके तहत छह हफ्तों के अंदर हमास ने करीब 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में तीन दर्जन इज़रायली बंधकों को रिहा किया।
लेकिन दो हफ्ते पहले युद्ध विराम का पहला चरण समाप्त होने के बाद से, इज़रायल और हमास शेष 60 बंधकों की रिहाई और स्थायी संघर्ष विराम के दूसरे चरण पर सहमत नहीं हो पाए।
इज़रायल ने दावा किया है कि हमास बातचीत को लंबा खींच रहा था और युद्ध विराम के दौरान भी हमलों की तैयारी कर रहा था। वहीं, हमास का कहना है कि इज़रायल केवल फिलिस्तीनियों को और अधिक दमन में रखने की रणनीति बना रहा था।
गाजा में बिगड़ते हालात
गाजा के नागरिक पहले ही मानवीय संकट से जूझ रहे थे, और अब ताजा हमले के बाद हालात और भी खराब हो गए हैं।
- खाद्य संकट: गाजा में खाद्य आपूर्ति पहले से ही सीमित थी, लेकिन इज़रायल द्वारा इस महीने की शुरुआत में मानवीय सहायता को रोकने के बाद स्थिति और बिगड़ गई है।
- स्वास्थ्य सेवाएं: अस्पतालों में पहले से ही संसाधनों की भारी कमी थी, और अब घायलों की बढ़ती संख्या ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है।
- बिजली और पानी की समस्या: इज़रायली हमलों से कई बुनियादी ढांचे नष्ट हो गए हैं, जिससे गाजा में बिजली और पानी की आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है।
आगे की स्थिति
अब सवाल यह है कि क्या यह हमला केवल एक दबाव बनाने की रणनीति थी या इज़रायल और हमास के बीच युद्ध फिर से तेज होने वाला है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर दोनों पक्षों के बीच बातचीत फिर से शुरू नहीं हुई तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।
संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और अन्य वैश्विक शक्तियां इस युद्ध को रोकने के लिए कूटनीतिक प्रयास कर रही हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है।