हिमाचल प्रदेश में दूध के दामों में बढ़ोतरी, सीएम सुक्खू ने बजट में किया ऐलान
हिमाचल प्रदेश में दूध की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी गई है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बजट पेश करते हुए इसकी घोषणा की। अब प्रदेश में गाय के दूध की कीमत 45 रुपये से बढ़कर 51 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध की कीमत 55 रुपये से बढ़कर 61 रुपये प्रति लीटर हो गई है। इस बढ़ोतरी से किसानों और डेयरी उद्योग से जुड़े लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है, जबकि आम उपभोक्ताओं पर इसका अतिरिक्त भार पड़ेगा।
बढ़ोतरी के पीछे की वजह
सरकार के अनुसार, दूध की कीमतों में बढ़ोतरी का उद्देश्य दूध उत्पादकों को उनकी लागत के अनुरूप सही दाम देना और डेयरी उद्योग को प्रोत्साहित करना है। पशुपालकों की लागत में बढ़ोतरी, चारे की कीमतों में वृद्धि और अन्य खर्चों के कारण यह फैसला लिया गया है। इससे स्थानीय डेयरी उद्योग को मजबूती मिलेगी और हिमाचल में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री का बयान
बजट पेश करने से पहले, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट किया कि,
“आज हिमाचल प्रदेश का स्वर्णिम बजट प्रस्तुत कर रहा हूं। यह आत्मनिर्भर प्रदेश की संकल्पना को साकार करने वाला होगा और प्रदेश की प्रगति को गति देगा। सवा साल में हमारी सरकार ने जनता के विश्वास को पुनः स्थापित किया है और विकास के नए प्रतिमान गढ़े हैं। जनता के सहयोग और आशीर्वाद से हम हिमाचल को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाएंगे।”
आम जनता पर असर
इस वृद्धि से किसानों और पशुपालकों को राहत मिलने की संभावना है, लेकिन आम जनता को अब दूध और उससे बने उत्पादों जैसे दही, पनीर, घी आदि के लिए अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे। हिमाचल प्रदेश में पहले से ही महंगाई की मार झेल रही जनता के लिए यह निर्णय चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
सरकार के अन्य प्रयास
हिमाचल सरकार दूध उत्पादन को बढ़ाने और पशुपालकों को समर्थन देने के लिए नई योजनाओं पर भी विचार कर रही है। राज्य में दुग्ध उत्पादन को आत्मनिर्भर बनाने के लिए डेयरी किसानों को सब्सिडी, चारा आपूर्ति में सुधार और नई तकनीकों को अपनाने के लिए सहायता दी जाएगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
इस निर्णय पर विपक्षी दलों ने मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ नेताओं का कहना है कि दूध की कीमतों में वृद्धि से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा, जबकि सरकार का मानना है कि यह फैसला पशुपालकों और स्थानीय दुग्ध उत्पादकों के हित में लिया गया है।
निष्कर्ष
दूध की बढ़ी हुई कीमतों का असर हिमाचल प्रदेश के हर वर्ग पर पड़ेगा। जहां एक ओर पशुपालकों को इससे फायदा होगा, वहीं आम उपभोक्ताओं को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस फैसले के साथ अन्य राहत योजनाएं लागू करती है या नहीं।