काटन ग्रीन में आदर्श रामलीला समिति की भव्य प्रस्तुति

पं. राधेश्याम मिश्र की अध्यक्षता में राम मंदिर प्रांगण में चल रही रामलीला, पं. बैजनाथ चतुर्वेदी की टीम का अद्भुत अभिनय

एनबीडी मुंबई,

मुंबई एक बार फिर राममय हो उठी है। मानसून की अनुकूल फुहारों के बीच शहर के कई हिस्सों — काटन ग्रीन, बोरीवली और नवी मुंबई — में भगवान श्रीराम की लीला का सजीव मंचन हो रहा है। भक्तों का उत्साह देखते ही बनता है।

इसी क्रम में आदर्श रामलीला समिति, काटन ग्रीन द्वारा राम मंदिर प्रांगण में चल रही सात दिवसीय रामलीला ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया है। समिति के अध्यक्ष पं. राधेश्याम मिश्र के नेतृत्व में 5 अक्टूबर 2025 से आरंभ हुई यह लीला 13 अक्टूबर तक चलेगी।

कथा के दौरान मथुरा से पधारे पं. बैजनाथ चतुर्वेदी की टीम ने ‘विभीषण शरणागति’ प्रसंग का सजीव मंचन किया। जब रावण द्वारा अपमानित किए जाने के बाद विभीषण भगवान राम की शरण में आए, तो पूरा पंडाल “जय श्रीराम” के जयघोष से गूंज उठा। दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से कलाकारों का उत्साह बढ़ाया।

कथा के अगले प्रसंग में प्रस्तुत हुआ—

“विनय न मानत जलधि जड़, गए तीन दिन बीत

बोले राम सकोप तब भय बिनु होइ न प्रीत”

सागर के अहंकार टूटने और प्रभु श्रीराम के सम्मुख नतमस्तक होने का यह दृश्य अत्यंत भावुक कर देने वाला रहा।

“नाथ नील नल कपि दोउ भाई, लरिकाईं ऋषि आसिष पाई”

के साथ दर्शक भी भाव-विभोर हो उठे।

15 अक्टूबर 2025 को इसी मंच पर शाम 6 बजे से हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया है, जिसका संचालन प्रसिद्ध हास्य सम्राट सुरेश मिश्र करेंगे। इस अवसर पर लाफ्टर चैंपियन फेम सुनील सावरा, कवयित्री माधुरी किरण (बालाघाट), डॉ. राज बुंदेली, हास्य कवि बसंत आर्य, शायर ज्ञान प्रकाश गर्ग, और एड. आर. बी. गुप्ता अपनी रचनाओं से श्रोताओं को गुदगुदाएंगे।

कार्यक्रम में समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें आयकर विभाग के चीफ कमिश्नर सुबचरन राम, पूर्व नगरसेवक विनोद मिश्र, साहित्य कला मंच के महासचिव विनय मिश्रा, जयवंत लोखंडे, तथा हास्य कवि सुरेश मिश्र प्रमुख रहे।

समिति की ओर से के.के. मिश्र, आर.वी. गुप्ता, ओमप्रकाश पांडेय, रामकृष्ण पांडेय, प्रतीक मिश्र, त्रिलोकी मिश्र, उमाशंकर पांडेय व नीलेश मिश्र ने सभी अतिथियों का शाल व स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया।

अंत में सुरेश मिश्र ने अपनी कजरी—

“चला घूमि आई राम जी के धाम सखी, बनिहैं सब काम सखी”

गाकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया।

भक्ति, कला और हास्य का यह संगम मुंबई के सांस्कृतिक जीवन को राममय बना रहा है।

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