अ गट में अंबिका सेवा मंडल और ब गट में पंढरीनाथ कबड्डी संघ बने विजेता
एनबीडी मुंबई,
छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती के उपलक्ष्य में मुंबई उपनगर जिला कबड्डी एसोसिएशन की मान्यता से कुर्ला के गांधी मैदान में दो दिवसीय जिलास्तरीय शिवछत्रपति करंडक कबड्डी स्पर्धा का आयोजन किया गया। इस रोमांचक स्पर्धा में अ गट में अंबिका सेवा मंडल और ब गट में पंढरीनाथ कबड्डी संघ ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विजेता का खिताब अपने नाम किया।
फाइनल मुकाबलों में खिलाड़ियों का जबरदस्त प्रदर्शन
शनिवार से शुरू हुई इस प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबले रविवार को खेले गए, जिसमें खिलाड़ियों ने दमदार खेल का प्रदर्शन किया।
• ब गट के फाइनल में, पंढरीनाथ कबड्डी संघ ने हनुमान क्रीड़ा मंडल को पराजित कर करंडक पर कब्जा जमाया।
• अ गट के फाइनल में, अंबिका सेवा मंडल ने भादवे अकैडमी को हराकर विजेता का गौरव हासिल किया।
प्रतियोगिता के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को व्यक्तिगत पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिससे उनका हौसला और बढ़ा।
गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति
विजेता खिलाड़ियों को पुरस्कृत करने के लिए आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली, वरिष्ठ पत्रकार अनुराग त्रिपाठी, शिवसेना (शिंदे गुट) के उपविभाग प्रमुख उमेश मोरे, उबाठा गट के विभाग संगठक एड. सुधीर खातू, कुर्ला नागरिक सहकारी बैंक के उपाध्यक्ष माधव गडदे, सामाजिक कार्यकर्ता एड. प्रणिल गाढवे, मनसे महिला विभाग संगठिका मंगला नायकवडी, डिंपल छेड़ा, तथा आयोजक जय शंकर चौक क्रीड़ा मंडल के अध्यक्ष रुपेश पवार और गौरी शंकर क्रीड़ा मंडल के अध्यक्ष अमित कांबळे सहित कई गणमान्य विशेष रूप से उपस्थित थे।
आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान
इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता को सफल बनाने में कई लोगों का विशेष योगदान रहा, जिनमें शामिल हैं:
अतुल चव्हाण, प्रतीक गाढवे, मनीष मोरे, निलेश झंजे, अविनाश महाडिक, रामचंद्र माने, विश्वास कांबळे, संजय घोणे, कैलास पाटील, प्रशांत हाडके, मोहन घोलप, रुपेश प्रभाळे और अन्य समर्पित आयोजक।
स्थानीय खेल प्रतिभाओं को मिला शानदार मंच
यह स्पर्धा स्थानीय खिलाड़ियों के लिए अपनी प्रतिभा निखारने और आगे बढ़ने का शानदार अवसर साबित हुई।
प्रतियोगिता के अंत में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों ने भविष्य में और अधिक खेल स्पर्धाओं के आयोजन की आवश्यकता पर जोर दिया, ताकि युवा खिलाड़ियों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने के अवसर मिल सकें।
कबड्डी जैसे पारंपरिक खेल को प्रोत्साहित करने के लिए इस तरह के आयोजन बेहद महत्वपूर्ण हैं, और आने वाले वर्षों में इसे और भी भव्य रूप देने की योजना बनाई जाएगी।