नालासोपारा में ईडी का शिकंजा , 41 अवैध इमारतों का पर्दाफाश, 13 ठिकानों पर छापेमारी से हड़कंप

एनबीडी मुंबई,

वसई-विरार महानगरपालिका की आंखों के सामने पनपा अवैध निर्माण का मकड़जाल अब प्रवर्तन निदेशालय (ED) के निशाने पर है। मंगलवार को हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई में 13 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी कर ईडी ने 41 अवैध इमारतों के नेटवर्क को बेनकाब कर दिया।

बिल्डिंगें आसमान छूती रहीं, लेकिन कानून ज़मीन पर गिरा पड़ा रहा।

बिल्डर–माफिया ने नियमों को ठेंगा दिखाकर शहर को कंक्रीट के जंगल में तब्दील कर दिया, और प्रशासन मूकदर्शक बना रहा। अब जब ईडी ने दस्तक दी, तो कई रसूखदारों के पांव तले ज़मीन खिसक गई।

काला धन, बेनामी सौदे और भ्रष्ट गठजोड़

प्राथमिक जांच में सामने आया है कि इन अवैध इमारतों के ज़रिए करोड़ों रुपये का काला धन सफेद किया गया। दस्तावेज़ों की पड़ताल, संदिग्ध बैंक ट्रांजेक्शन और फर्जी मालिकाना हक की जांच जारी है। ईडी के सूत्रों की मानें तो इस कार्रवाई की परतें अभी और खुलेंगी।

कौन हैं असली जिम्मेदार?

स्थानीय जनता अब सवाल उठा रही है —

क्या सिर्फ बिल्डर दोषी हैं?

या फिर नगर निगम, राजस्व विभाग और पुलिस जैसे सिस्टम के संरक्षक भी इस भ्रष्टाचार की डोर थामे हुए थे?

ईडी की कार्रवाई की यह सिर्फ शुरुआत है। आने वाले दिनों में और कई नाम सामने आने की संभावना है। लोगों को उम्मीद है कि यह सिर्फ दिखावा नहीं, बल्कि वास्तविक सफाई अभियान की शुरुआत हो।

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