एनबीडी मुंबई,
मुंबई के भांडुप इलाके में शनिवार दोपहर एक खौफनाक घटना सामने आई, जिसने आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक 16 वर्षीय विधी संघर्षग्रस्त बालक ने बेस्ट बस के चालक पर तलवार से जानलेवा हमला कर दिया और मौके पर मौजूद कई सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को भारी नुकसान पहुँचाया।
घटना दोपहर 3:10 से 3:25 के बीच भांडुप (प.) के मिनीलैंड सोसायटी, टँक रोड पर घटी। फिर्यादी ज्ञानेश्वर सवाईराम राठोड (उम्र 42 वर्ष), जो बेस्ट बस क्रमांक MH 01 AP 0882 के चालक हैं, विक्रोली डिपो से यात्रियों को लेकर जा रहे थे, तभी आरोपी मित रवींद्र चंडालिया (उम्र 16 वर्ष) ने रास्ते में बस को रोकने का प्रयास किया।
घटना का विवरण:
आरोपी ने हाथ में तलवार लेकर बस चालक को धमकाया। जान से मारने के उद्देश्य से तलवार से हमला किया। आरोपी ने बस की कांचें तोड़ीं, जिससे ₹70,000 का नुकसान हुआ। साथ ही आस-पास खड़ी रिक्षाओं और पानी की टंकी की कांचें भी तोड़ीं। चालक को जान से मारने की धमकी देते हुए गाली-गलौज भी की गई।
घटना के तुरंत बाद भांडुप पुलिस स्टेशन में गुन्हा रजि. क्र. 266/2025 के तहत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया, जिनमें शामिल हैं:
भारतीय दंड संहिता की धाराएं: 109(1), 324(5), 126(2), 351(3), 352 सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण अधिनियम की धारा 3 भारतीय हत्यार अधिनियम की धारा 4, 25
आरोपी का आपराधिक इतिहास:
उल्लेखनीय है कि आरोपी मित चंडालिया पर पहले भी गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें शामिल हैं:
गु.र.क्र. 480/24 – धारा 326, 323, 504, 506(2), 34 भादंवि गु.र.क्र. 192/24 – धारा 326, 324 भादंवि गु.र.क्र. 812/24 – धारा 109(1), 118(1), 189(2), 188(4), 115(2), 352bns, 37(1), 135 म.पो.का.
पुलिस की कार्रवाई:
भांडुप पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ निरीक्षक श्री दत्तात्रय खंडागळे के अनुसार, आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई है। घटना में प्रयुक्त हथियार जब्त कर लिया गया है और आगे की जांच प्रगति पर है।
एनबीडी नजरिया
मुंबई जैसे महानगर में नाबालिगों द्वारा की जा रही गंभीर आपराधिक घटनाएँ चिंता का विषय बनती जा रही हैं। इस घटना ने न केवल बेस्ट कर्मचारियों बल्कि आम नागरिकों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन को सतर्क कर दिया है। क्या इस क्षेत्र में नशा की गिरफ्त में युवा आ चुके हैं या वजह कुछ और है । पुलिस और प्रशासन से अपेक्षा है कि इस मामले में कठोर कानूनी कार्यवाही कर समाज में कानून का भय स्थापित किया जाए।