एनबीडी महाराष्ट्र,
धुले जिले के नवसारे परिवार के लिए इस साल की होली खास बन गई, जब परिवार के मुखिया सुरेश नवसरे (43) को उनकी बेटी मयूरी के लीवर दान से नया जीवन मिला। महाराष्ट्र पुलिस विभाग में सब-इंस्पेक्टर के रूप में कार्यरत सुरेश नवसरे गंभीर लीवर रोग से पीड़ित थे। 5 मार्च 2025 को उनकी 18 वर्षीय बेटी मयूरी ने अपना लीवर दान कर अपने पिता की जान बचाई। सर्जरी के बाद मयूरी ने अपने पिता को उनकी पसंदीदा पूरनपोली खिलाकर होली मनाई और परिवार को नई शुरुआत की सौगात दी।
सुरेश नवसरे को करीब पांच महीने पहले जलोदर का पता चला था। बाद में जांच में ऑटोइम्यून लिवर फेलियर का मामला सामने आया, जिससे उनका लीवर पूरी तरह से खराब हो गया। डॉक्टरों ने उन्हें लिवर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह दी थी। जब मयूरी को यह पता चला, तो उसने बिना किसी संकोच के अपने पिता के लिए लीवर दान करने का निर्णय लिया।
“पिताजी ने हमारे लिए हमेशा कड़ी मेहनत की है। जब डॉक्टरों ने कहा कि उन्हें लीवर ट्रांसप्लांट की जरूरत है, तो मैंने तुरंत फैसला कर लिया कि मैं उनकी मदद करूंगी,” मयूरी ने कहा।
5 मार्च को मुलुंड के फोर्टिस अस्पताल में डॉ. विक्रम राउत और उनकी टीम ने सुरेश का सफल लिवर प्रत्यारोपण किया। डॉ. राउत ने बताया कि सुरेश के इम्यून सिस्टम ने उनके लीवर पर हमला किया था, जिससे लीवर कोशिकाएं नष्ट हो रही थीं। समय पर निदान और सर्जरी के कारण सुरेश की जान बच गई।
डॉ. राउत ने कहा, “मयूरी का लीवर पूरी तरह से स्वस्थ है। लीवर दान के बाद उसके शरीर में कोई समस्या नहीं होगी। उसका लीवर कुछ महीनों में पुनर्जीवित हो जाएगा और वह सामान्य जीवन जी सकेगी।”
सर्जरी के बाद सुरेश की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। हालांकि, उन्हें इम्यूनोसप्रेसेन्ट्स का इलाज जारी रखना होगा। मयूरी भी धीरे-धीरे ठीक हो रही है और अपनी शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करने के लिए तैयार है। वह एक दिन कोर्ट स्टेनोग्राफर बनने का सपना देख रही है।
मयूरी के इस साहसिक कदम ने लीवर दान के प्रति जागरूकता फैलाने का संदेश दिया है। सुरेश ने कहा, “मेरी बेटी ने मुझे जीवनदान दिया है। मैं अब अपने परिवार के साथ एक नई जिंदगी शुरू करूंगा।”