संजय राउत का पीएम मोदी पर सीधा वार – “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” सिर्फ नारा या सच्चाई?
एनबीडी मुंबई,
महाराष्ट्र की राजनीति में गरमी बढ़ गई है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर चौंकाने वाला आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि रायगढ़ जिले में ₹50,000 करोड़ का बड़ा भूमि घोटाला हुआ है और इसमें सीधे-सीधे शिंदे गुट और सत्ता के “बड़े बॉस” शामिल हैं।
राउत ने कहा कि पीएम मोदी भ्रष्टाचार के खिलाफ “ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा” का नारा देते हैं, लेकिन हकीकत में जांच एजेंसियां भ्रष्टाचारियों को बचाने में लगी हैं। उन्होंने खुलासा किया कि रायगढ़ की 4,078 एकड़ सरकारी वन भूमि गैरकानूनी तरीके से बिवलकर परिवार को दे दी गई। 12.5% भूमि आवंटन योजना के तहत यह परिवार 30 वर्षों तक अयोग्य था, फिर भी तत्कालीन शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और सीआईडीसीओ अध्यक्ष संजय शिरसात ने इसे पात्र घोषित कर दिया।

पत्र में दावा किया गया है कि इस सौदे में ₹20,000 करोड़ की मोटी रकम सीधे नेताओं की जेब में गई और ₹10,000 करोड़ दिल्ली के “बॉसों” तक पहुंचाए गए। राउत ने सवाल उठाया – “क्या यह वही जीरो टॉलरेंस नीति है, जिसका दावा प्रधानमंत्री करते हैं?”
उन्होंने यह भी बताया कि शिरसात को महज 25 दिनों के लिए सीआईडीसीओ का अध्यक्ष बनाया गया और इसी अवधि में पूरा घोटाला अंजाम दे दिया गया।
राउत ने मांग की है कि यदि प्रधानमंत्री वाकई भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर हैं, तो इस महाघोटाले की तत्काल जांच हो और दोषियों को जेल भेजा जाए।
👉 यह खबर अब राजनीतिक हलकों में गरम चर्चा का विषय बन चुकी है।