प्रयागराज में छात्रों द्वारा की गई मांगों और आंदोलन का असर दिखाई दिया है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की मांगों को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) को छात्रों की समस्याओं का समाधान करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने आयोग से छात्रों के साथ संवाद और समन्वय बनाकर आवश्यक कदम उठाने की बात कही। इस निर्देश के बाद UPPSC ने कुछ अहम निर्णय लिए हैं।
मुख्य निर्णय: PCS प्रारंभिक परीक्षा अब एक ही दिन में होगी आयोजित
छात्रों की एक प्रमुख मांग थी कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित किया जाए। मुख्यमंत्री योगी की पहल पर इस मांग को पूरा करने के लिए UPPSC ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही दिन में कराने का निर्णय लिया है। यह निर्णय छात्रों की सहूलियत और परीक्षा प्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के उद्देश्य से लिया गया है।
छात्रों के हित में किया गया निर्णय
छात्रों के लंबे समय से चल रहे आंदोलन का परिणाम यह हुआ कि सरकार ने उनकी बात सुनी और यूपीपीएससी ने परीक्षा प्रणाली में सुधार के लिए ठोस कदम उठाए। इस निर्णय को छात्रों के हित में बड़ा कदम माना जा रहा है।
आरओ/एआरओ (प्रा.) परीक्षा के लिए समिति का गठन
मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर आयोग ने आरओ/एआरओ (प्रा.) परीक्षा 2023 के लिए भी एक समिति का गठन किया है। यह समिति परीक्षा प्रक्रिया के सभी पहलुओं पर विचार कर आवश्यक सुधारों के सुझाव देगी। समिति से अपेक्षा की जा रही है कि वह जल्द ही अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी, ताकि आगे के सुधारात्मक कदम उठाए जा सकें।
छात्रों की जीत: सरकार ने मानी मांगें
छात्रों के आंदोलन और प्रयागराज में हुए प्रदर्शनों के बाद सरकार ने छात्रों की मांगों को स्वीकार करते हुए UPPSC को निर्देश जारी किए हैं। छात्रों का आंदोलन सफल रहा और अंततः सरकार ने उनके हित में कदम उठाए। UPPSC का यह कदम छात्रों की परेशानियों को दूर करने और उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
मुख्य बिंदु संक्षेप में:
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छात्रों की मांगों का संज्ञान लेते हुए UPPSC को संवाद और समन्वय के साथ निर्णय लेने को कहा।
- UPPSC ने पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 को एक ही दिन में कराने का फैसला लिया।
- आरओ/एआरओ (प्रा.) परीक्षा 2023 के लिए एक समिति गठित की गई, जो जल्द ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
- छात्रों के आंदोलन की सफलता पर सरकार ने उनकी मांगें मानी, जिसे छात्रों के हित में महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इस निर्णय के साथ, छात्र-छात्राओं की मांगों को मान्यता मिली है, और यह उनके लिए एक बड़ी जीत मानी जा रही है। मुख्यमंत्री की पहल पर लिया गया यह निर्णय छात्रों और सरकार के बीच संवाद और सहयोग का बेहतरीन उदाहरण पेश करता है।
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