रेल हादसों के दौरान त्वरित कार्रवाई और समन्वय की हुई प्रभावशाली परीक्षा
एनबीडी मुंबई,
सेंट्रल रेलवे के मुंबई मंडल ने 25 अप्रैल को मुलुंड के न्यू गुड्स शेड पर नेशनल डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (NDRF) के साथ एक संयुक्त फुल स्केल मॉक ड्रिल का आयोजन किया। इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य रेल दुर्घटना जैसी आपातकालीन स्थिति में विभागों की तत्परता, समन्वय और प्रतिक्रिया समय की जांच करना था।
ड्रिल की शुरुआत सुबह 10:05 बजे हुई, जब एक कोच के पहिए के पटरी से उतरने और उसमें आग लगने की कृत्रिम स्थिति बनाई गई। सूचना मिलते ही रेलवे कंट्रोल ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए NDRF, राज्य आपदा प्रबंधन विभाग, मुंबई फायर ब्रिगेड, सिटी पुलिस, एंबुलेंस सेवा और रेलवे के संबंधित राहत दलों को सूचित किया। रेलवे की एंबुलेंस 10:15 बजे और NDRF की टीम 10:19 बजे घटनास्थल पर पहुंच गई।

रेलवे और दमकल कर्मचारियों की मदद से आग को 10:27 बजे तक पूरी तरह बुझा लिया गया। सिटी पुलिस 10:21 बजे पहुंच गई। 11:13 बजे पनवेल से ARME वैन पहुंची। कुल 21 घायल यात्रियों को NDRF और सिविल डिफेंस की टीमों द्वारा 10:33 से 11:25 बजे के बीच बचाया गया। NDRF के डॉग स्क्वाड ने 11:42 बजे एक बेहोश यात्री को खोजा, जिसे 11:51 बजे सुरक्षित बाहर निकाला गया।
सभी यात्रियों को 11:55 बजे तक सुरक्षित निकाल लिया गया और प्राथमिक उपचार के बाद कुछ को मुलुंड (पूर्व और पश्चिम) के MCGM अस्पतालों में भेजा गया। पुन: पटरी पर लाने का कार्य 11:57 बजे शुरू हुआ और 12:06 बजे कोच को फिर से पटरी पर चढ़ा दिया गया।

इस ड्रिल में NDRF BN 05, SDMA महाराष्ट्र, SDRF धुले, MCGM, मुंबई पुलिस, फायर ब्रिगेड, सिविल डिफेंस, और रेलवे की कई राहत टीमें शामिल रहीं। यह अभ्यास विभिन्न एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय को दर्शाता है और वास्तविक आपदा स्थितियों में प्रभावी कार्रवाई की तैयारी को सशक्त करता है।