एनबीडी मुंबई,
कैंसर पेशेंट्स एड एसोसिएशन (CPAA) रिहैबिलिटेशन सेंटर ने कैंसर मरीजों के लिए एक भावनात्मक होली उत्सव का आयोजन किया, जिससे पूरा माहौल खुशियों, संगीत और आपसी मेलजोल से भर गया। यह रंगों का त्योहार उनके जीवन के संघर्षों से एक आवश्यक विराम लेकर आया, जिससे हर चेहरे पर मुस्कान खिल उठी।
CPAA (रिहैब) की कार्यकारी निदेशक मंजू गुप्ता के संवेदनशील नेतृत्व में, केंद्र अब तक 35,000 से अधिक मरीजों का सफल पुनर्वास कर चुका है। मरीजों को सिलाई, प्रिंटिंग, बॉक्स बनाने और दिए बनाने जैसी विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया गया है। मंजू गुप्ता की अथक निष्ठा यह सुनिश्चित करती है कि इन बहादुर मरीजों को न केवल चिकित्सा सहायता मिले, बल्कि गरिमा, आत्मनिर्भरता और खुशियों का भी अनुभव हो।

यह होली उत्सव बेहद जीवंत और रंगीन रहा। मरीजों ने स्वादिष्ट मिठाइयों, स्नैक्स, चाय, कॉफी और कोल्ड ड्रिंक्स का आनंद लिया। पूरा दिन म्यूजिकल चेयर्स और ट्रेजर हंट जैसी मनोरंजक गतिविधियों से भरा रहा, जिससे हर कोई उत्साह से भर उठा। जैसे ही संगीत की धुन बजी, मरीजों ने अपनी तकलीफों को भूलकर दिल खोलकर डांस किया—यह दृश्य वाकई दुर्लभ और भावनात्मक था।
इस कार्यक्रम का आयोजन पीआर डायरेक्टर डॉ. सुमन आर अग्रवाल, सीएसआर कोऑर्डिनेटर रूपा दलाल और सलोनी द्रोलिया के समर्पित प्रयासों से संभव हुआ। उनकी मेहनत ने इस दिन को विशेष और यादगार बना दिया, जिससे हर मरीज ने खुद को विशेष, सम्मानित और प्यार से भरा महसूस किया।
अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, मरीज वैशाली गमरे, बैसी नादर, दीपा पटेल, गीता पवार, गंगामणि बच्चवाल, रिजवाना मंसूरी, साधना थोरात और कई अन्य मरीजों ने अपने केयरगिवर्स के साथ साझा किया कि इस उत्सव ने उन्हें असीम आनंद दिया और उन्हें मरीज नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा महसूस कराया।
कुछ अनमोल घंटों के लिए, CPAA रिहैबिलिटेशन सेंटर केवल एक पुनर्वास केंद्र नहीं, बल्कि आशा, हंसी और प्रेम का एक पवित्र स्थल बन गया। इसने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि सच्चा उपचार केवल दवाओं से नहीं, बल्कि खुशियों, आपसी सहयोग और उत्सव के पलों से होता है।