चीन को व्यापार में मात देने के लिए जौहरियों को बनाना होगा सशक्त : राम शिंदे

एनबीडी मुंबई,

ज्वेल ट्रेंड्ज रत्न एवं आभूषण शो (जेटीजीजेएस) के 20वें संस्करण का उद्घाटन रविवार को मुंबई के होटल सहारा स्टार में महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति राम शिंदे ने किया। रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के लिए भारत की सबसे महत्वपूर्ण बी2बी प्रदर्शनियों में से एक, यह शो उद्योग के भीतर व्यापार, नवाचार और कारीगरों के सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के दो दशकों का प्रतीक है। अपने संबोधन में राम शिंदे ने चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करने के लिए भारत द्वारा अपने घरेलू आभूषण पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की रणनीतिक आवश्यकता पर बल दिया।

उन्होंने कहा, कि अगर भारत सचमुच चीन से मुकाबला करना चाहता है, तो हमें अपने 15 लाख कारीगरों और 3 लाख जौहरियों का न सिर्फ भावना से, बल्कि नीतिगत रूप से भी समर्थन करना होगा। सरकार को ज़मीन, मशीनरी, रियायती बिजली और करों में राहत प्रदान करनी होगी। हमारे कारीगरों और उनके परिवारों को बीमा, सामाजिक सुरक्षा और आधुनिक उपकरणों की जरूरत है। चीन इसलिए नहीं जीत रहा है कि वह बेहतर है, बल्कि इसलिए जीत रहा है क्योंकि उसे बेहतर समर्थन मिल रहा है।

हम दुनिया का नेतृत्व कर सकते हैं, लेकिन तभी जब हम अपने लोगों का समर्थन करेंगे। उद्घाटन समारोह में भारतीय आभूषण जगत के तमाम दिग्गज उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में ज्वेल मेकर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शाह, अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद (जीजेसी) के अध्यक्ष राजेश रोकड़े, झवेरी बाजार वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष हितेश (सुभाष) जैन, वामन हरि पेठे ज्वैलर्स के निदेशक आशीष पेठे के साथ ही देश भर के कई अन्य प्रसिद्ध निर्माता, निर्यातक, खुदरा विक्रेता और कारीगर शामिल थे। गौरतलब हो कि ज्वेल ट्रेंड्ज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक गोविंद वर्मा के नेतृत्व में आयोजित, जेटीजीजेएस पिछले कुछ वर्षों में एक शक्तिशाली मंच के रूप में विकसित हुआ है, जो आभूषण मूल्य श्रृंखला के हर क्षेत्र को एकजुट करता है। गोविंद वर्मा ने कहा, कि जेटीजीजेएस एक प्रदर्शनी से कहीं अधिक है, यह भारतीय आभूषणों के उत्थान का एक आंदोलन है।

हमें अपने कारीगरों की पहचान, प्रशिक्षण और सुरक्षा के लिए प्रयास करना चाहिए। वैश्विक बाजार भारत को अपनाने के लिए तैयार है, लेकिन हमें इसे पूरा करने के लिए सही पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता है। इस विजन को आगे बढ़ाते हुए ज्वेल मेकर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय शाह ने कहा, कि भारतीय आभूषण उपभोक्ता तेजी से विकसित हो रहे हैं। युवा खरीदार अब मिनिमल, फ्यूजन और लैब-ग्रो डिजाइन पसंद करते हैं। डिजिटल कॉमर्स टियर 2 और टियर 3 शहरों तक अपनी पहुंच बढ़ा रहा है।

अगर हम वैश्विक स्तर पर अग्रणी बनना चाहते हैं, तो हमें इस मांग को नवाचार, पारदर्शिता और कुशल जनशक्ति के साथ पूरा करना होगा। बता दें कि इस वर्ष के शो में 200 से ज्यादा प्रदर्शक शामिल हैं, जो सोने, हीरे, जड़ाऊ, मंदिर, प्राचीन और फ़ैशन आभूषणों सहित विविध प्रकार के आभूषण प्रदर्शित करेंगे। इसके अलावा, ढीले रत्न, हीरे, साथ ही नवीनतम मशीनरी, पैकेजिंग और आभूषण निर्माण तकनीक भी प्रदर्शित की जाएगी। इस शो में 5,000 से ज्यादा व्यापारिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है, जिनमें शीर्ष खुदरा विक्रेता और अंतर्राष्ट्रीय सोर्सिंग एजेंट शामिल हैं, जो मुंबई को भारत की आभूषण राजधानी के रूप में स्थापित करेगा। ज्वेल ट्रेंड्ज रत्न एवं आभूषण शो 2025, होटल सहारा स्टार में 30 जुलाई 2025 तक व्यापारिक आगंतुकों के लिए खुला रहेगा।

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