एनबीडी वाडा (पालघर),
भारतीय संस्कृति और परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से तानसा ग्लोबल हाइस्कूल, मौजे मेट (तालुका वाडा, जिला पालघर) में पुरोहित प्रशिक्षण कार्यक्रम का भव्य शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम का संचालन अनुभवी पुरोहित प्रशिक्षक डॉ. रज्जन कुमार पटेल के मार्गदर्शन में हुआ। विद्यालय प्रांगण वैदिक मंत्रों की गूंज और श्रद्धा से भरे वातावरण से अनुप्राणित थाl
इस अवसर पर कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि के रूप में निवृत्त डिप्टी कलेक्टर बी. बी. ठाकरे,वरिष्ठ समाज
सेवी डॉ. बाबूलाल सिंह पटेल,प्रदेश अध्यक्ष संजय पाटिल, महासचिव जयेश शेलार पाटिल, कोंकण विभागीय अध्यक्ष तुकाराम पष्टे, उपस्थित रहे।
साथ ही क्षेत्र के प्रतिष्ठित समाजसेवी किसन बोंद्रे, सुबोध कुमार, मंगेश चौधरी डॉ. राममूर्ति वर्मा, वी. के. वर्मा, एडवोकेट गोपाल शेलके, भानुदास महाराज भोईर और गणपती कंदस्वामी देवेंद्र, भिवंडी कुणबी समाज अध्यक्ष संजय भेरे,संजय भगत,नरेश आखरे, समीर पाटील,सुभाष पाटील,रोहिदास पाटील,ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति से कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
कार्यक्रम का शुभारंभ छत्रपति शिवाजी महाराज, सरदार वल्लभभाई पटेल और संत तुकाराम महाराज की प्रतिमाओं पर पुष्पमाल्य अर्पित कर तथा दीप प्रज्वलन के साथ किया गया।
मुख्य प्रशिक्षक डॉ रज्जन कुमार पटेल ने बताया कि इस पुरोहित प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य युवा पीढ़ी को संस्कार, धर्मज्ञान, समाज सेवा और जिम्मेदारी की भावना से जोड़ना है। उन्होंने कहा कि “भारतीय संस्कृति केवल परंपरा नहीं, बल्कि जीवन जीने की एक वैज्ञानिक और मानवीय पद्धति है। जब युवा इस ज्ञान से जुड़ेंगे, तभी समाज में समरसता और नैतिकता सुदृढ़ होगी l
मुख्य अतिथि बी. बी. ठाकरे,प्रदेश अध्यक्ष संजय पाटिल,डॉ बाबूलाल सिंह, एड,गोपाल शेळके,
भानुदास महाराज भोईर ने अपने मनोगत व्यक्त किए
इस सात दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल सत्तर युवा प्रशिक्षणार्थि भाग ले रहे हैं। उन्हें वैदिक विधि, संस्कार, यज्ञकर्म, एवं सामाजिक कर्तव्यों की जानकारी दी जाएगी l
कार्यकम का संचालन महासभा के प्रदेश महासचिव जयेश शेलार पाटील ने कियाl सभी अतिथियों को शॉल, श्रीफल और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
अखिल भारतीय कुर्मी क्षत्रिय महासभा द्वारा आयोजित पुरोहित पुजारी प्रशिक्षण का यह प्रयास ग्रामीण क्षेत्र में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की दिशा में एक सराहनीय कदम माना जा रहा है, जो आने वाले समय में युवा पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का माध्यम बनेगा।
