नवी मुंबई की प्यास बुझाने को सिडको की व्यापक जल योजनाएं पर चल रहा है कार्य

हेटवणे और कोंढाणे धरण से मिलेगा स्थायी समाधान

एनबीडी नवी मुंबई ,

नवी मुंबई का तेजी से हो रहा विस्तार जिसमें अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, नैना क्षेत्र और मेगा हाउसिंग प्रोजेक्ट जैसे प्रमुख विकास कार्य शामिल हैं ।लगातार जल आपूर्ति की मांग को बढ़ा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए सिडको ने एक दीर्घकालिक और रणनीतिक जल प्रबंधन योजना लागू की है, जो आने वाले वर्षों में पूरे क्षेत्र की जल आवश्यकताओं को पूरा करने की दिशा में निर्णायक साबित होगी।

सिडको के अनुसार, वर्ष 2050 तक नैना और सिडको क्षेत्र में जल की कुल मांग लगभग 1275 MLD (मिलियन लीटर प्रतिदिन) तक पहुंच सकती है। इस मांग को पूरा करने के लिए सिडको ने वर्तमान जल स्रोतों — हेटवणे धरण, मजीप्रा, नवी मुंबई महानगरपालिका और एमआईडीसी — के साथ-साथ कोंढाणे और बालगंगा जैसे नए जल स्रोतों को भी शामिल करते हुए एक समग्र योजना तैयार की है।

कोंढाणे धरण, उल्हास नदी पर स्थित होकर, शुरू में 250 MLD और बाद में 350 MLD पानी की आपूर्ति करेगा। यह धरण नवी मुंबई और नैना क्षेत्र के लिए एक स्थायी जलस्रोत के रूप में स्थापित किया जा रहा है। हेटवणे जलवर्धन योजना भी जून 2029 तक पूरी होने की उम्मीद है।

मार्च 2025 और मई 2025 में जल सुरंग परियोजना ने दो राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाए:

एक दिन में 53 मीटर सुरंग निर्माण एक महीने में 714 मीटर सुरंग निर्माण (पूर्व रिकॉर्ड: 679 मीटर)

वर्तमान प्रगति (हेटवणे योजना)

जलशुद्धीकरण केंद्र : 41% पूर्ण कच्चे पानी की सुरंग : 8.5% पूर्ण शुद्ध पानी की सुरंग : 25.7% पूर्ण

सिडको ने जल गुणवत्ता की निगरानी और कार्यान्वयन की गति के लिए विशेषज्ञ परामर्शदाताओं की नियुक्ति की है।

निष्कर्ष:

यदि सभी योजनाएं नियोजित समय में पूर्ण होती हैं, तो नवी मुंबई, नैना और पनवेल महानगरपालिका क्षेत्र में भविष्य की जल आपूर्ति सुचारू रूप से सुनिश्चित हो सकेगी। यह परियोजना न केवल विकास की नींव को मजबूत करेगी, बल्कि नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण जीवन प्रदान करने में भी सहायक सिद्ध होगी।

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