शांति और अध्यात्म की खोज में जब समाज व्यग्र हो, तब रामचरितमानस का पाठ केवल धर्म नहीं, बल्कि एक दिशा बन जाता है। ऐसा ही एक अद्वितीय आयोजन ग्राम जमालपुर (पोस्ट–दियावां), प्रतापगढ़ में हुआ, जहाँ समाजसेवी श्री आशीष दुबे ने अपने पैतृक निवास पर श्री सुंदरकांड पाठ का भव्य और भावपूर्ण आयोजन किया।
मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री मा. राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह’ जी के मीडिया प्रमुख श्री विनोद पांडेय जी पधारे। उनके आगमन ने आयोजन को गरिमा और वैचारिक ऊँचाई प्रदान की।
हनुमान चालीसा और श्रीरामचरितमानस के स्वर जब गूंजे, तो केवल वातावरण नहीं, आत्माएं भी स्पंदित हो उठीं। श्रद्धालुओं की अपार उपस्थिति ने सिद्ध किया कि आध्यात्मिक आयोजनों की लौ आज भी जनमानस में जीवित है।
मुख्य अतिथि श्री विनोद पांडेय जी ने अपने उद्बोधन में कहा:
“सुंदरकांड पाठ केवल धार्मिक कर्मकांड नहीं, बल्कि नैतिकता, सेवा और परस्पर सौहार्द का प्रतीक है। जब युवा समाजसेवक ऐसे आयोजन करते हैं, तो उम्मीदें और भी प्रबल हो जाती हैं। श्री आशीष दुबे जी के इस प्रयास के लिए मैं उन्हें हार्दिक बधाई देता हूँ।”
आयोजक श्री आशीष दुबे जी ने श्रद्धा से कहा:
“हनुमान जी की कृपा और संतों के मार्गदर्शन से यह आयोजन संभव हुआ। हमारा उद्देश्य सिर्फ पूजा नहीं, बल्कि उस परंपरा को जीवंत रखना है जो समाज को जोड़ती है, संस्कार देती है और आत्मबल जगाती है।”
वरिष्ठ पत्रकार व समाजसेवक श्री अविनाश पांडेय जी ने अपनी गहन अंतर्दृष्टि साझा करते हुए कहा,
“धार्मिक आयोजन समाज का आत्मनिरीक्षण हैं। जब युवा पीढ़ी ऐसे आयोजन करती है, तो यह मात्र श्रद्धा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक उत्तराधिकार को संभालने की जिम्मेदारी भी है। आशीष दुबे जैसे लोगों के प्रयास हमें आश्वस्त करते हैं कि भविष्य सुरक्षित हाथों में है।”
इस अवसर पर पत्रकार मंडली का विशेष स्वागत किया गया साथ ही अधिवक्ता, उद्योगपति, समाजसेवी व राजनीति सहित विभिन्न क्षेत्रों से पहुंचे गणमान्यों का स्वागत किया गया । पाठ के पश्चात प्रसाद वितरण हुआ, जिसमें सभी श्रद्धालुओं ने सहभागिता की। दुबे परिवार ने अतिथियों और ग्रामीणजनों के प्रति स्नेह और आभार व्यक्त किया।