सांसद सुप्रिया सुले की नाराजगी
एनसीपी (शरद पवार गुट) की लोकसभा सांसद सुप्रिया सुले ने एअर इंडिया फ्लाइट की देरी को लेकर अपनी नाराजगी जताई है। उन्होंने एयरलाइन की बार-बार की देरी पर सवाल उठाते हुए सख्त नियमों की मांग की है।
उन्होंने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा—
“मैं एअर इंडिया की फ्लाइट AI0508 में यात्रा कर रही हूं, जो 1 घंटे 19 मिनट की देरी से चल रही है। यह एक ट्रेंड बन गया है, जिससे यात्री परेशान होते हैं। यह अस्वीकार्य है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू से आग्रह है कि वे एयरलाइनों को बार-बार देरी के लिए जवाबदेह ठहराएं।”
यात्रियों की बढ़ती समस्याएं
सुप्रिया सुले ने कहा कि फ्लाइट लेट होने की समस्या अब आम हो गई है, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्री से सख्त नियम लागू करने और यात्रियों के लिए बेहतर सेवाएं सुनिश्चित करने की मांग की।
उन्होंने आगे कहा—
“हम प्रीमियम किराया देते हैं, फिर भी उड़ानें कभी समय पर नहीं होती हैं। प्रोफेशनल्स, बच्चे और वरिष्ठ नागरिक… सभी इस निरंतर कुप्रबंधन से प्रभावित हो रहे हैं। एयरलाइन की लापरवाही यात्रियों की योजनाओं को बाधित कर रही है। किसी को जरूरी मीटिंग के लिए जाना होता है, किसी को पारिवारिक कारणों से यात्रा करनी होती है, लेकिन एअर इंडिया जैसी एयरलाइंस के गैर-जिम्मेदार रवैये के कारण लोग परेशान हो रहे हैं।”
लगातार फ्लाइट देरी से यात्री परेशान
यह पहली बार नहीं है जब एअर इंडिया की फ्लाइट देरी से चल रही है। पिछले कुछ महीनों में कई यात्रियों ने इस समस्या को लेकर सोशल मीडिया पर शिकायतें दर्ज करवाई हैं।
- टेक्निकल इश्यूज: एयर इंडिया अक्सर तकनीकी समस्याओं का हवाला देकर उड़ानों में देरी करती है।
- अनुशासनहीनता: कई यात्रियों ने आरोप लगाया है कि एयरलाइन का ग्राउंड स्टाफ और फ्लाइट क्रू अक्सर देरी की स्थिति को सही ढंग से मैनेज नहीं करते।
- यात्री सुविधाओं की कमी: जब फ्लाइट लेट होती है, तो यात्रियों को सही जानकारी और जरूरी सुविधाएं भी नहीं मिलतीं, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाती है।
एअर इंडिया ने दी सफाई
सांसद के इस ट्वीट पर एअर इंडिया ने प्रतिक्रिया दी और कहा कि—
“हम समझते हैं कि देरी बहुत निराशाजनक हो सकती है। हालांकि, कभी-कभी हमारे कंट्रोल से बाहर कुछ ऑपरेशनल समस्याएं होती हैं, जो उड़ान के शेड्यूल को प्रभावित कर सकती हैं।”
एयरलाइन ने यह भी स्पष्ट किया कि मुंबई जाने वाली यह उड़ान एक ऑपरेशनल समस्या के कारण देरी से रवाना हुई और यात्रियों से सहयोग की उम्मीद जताई।
यात्रियों को कैसे हो सकता है नुकसान?
फ्लाइट देरी से यात्रियों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है:
- महत्वपूर्ण मीटिंग और कार्यक्रम छूट सकते हैं।
- अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की कनेक्टिंग फ्लाइट मिस हो सकती है।
- अतिरिक्त होटल और ट्रांसपोर्टेशन खर्च बढ़ सकते हैं।
- मानसिक तनाव और शारीरिक असुविधा होती है, खासकर बुजुर्गों और बच्चों को।
क्या यात्रियों को मिलेगा मुआवजा?
भारत में विमानन नियमों के अनुसार, यदि फ्लाइट एयरलाइन की गलती से देरी होती है, तो यात्रियों को कुछ सुविधाएं दी जानी चाहिए, जैसे:
- फ्लाइट 2 घंटे से अधिक देरी होने पर भोजन और नाश्ते की व्यवस्था।
- अगर फ्लाइट 6 घंटे से अधिक लेट होती है, तो होटल में रुकने की सुविधा।
- कनेक्टिंग फ्लाइट छूटने पर उचित मुआवजा या वैकल्पिक व्यवस्था।
हालांकि, अधिकतर यात्रियों को इन सुविधाओं की जानकारी नहीं होती, और एयरलाइंस भी इन्हें देने में आनाकानी करती हैं।
फ्लाइट देरी पर उठे बड़े सवाल
यह मामला अब केवल सुप्रिया सुले तक सीमित नहीं है, बल्कि लाखों यात्रियों की समस्या बन चुका है। एयर इंडिया और अन्य एयरलाइंस की बार-बार देरी के चलते सरकार पर दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह इस मुद्दे पर सख्त कार्रवाई करे।
क्या अब सख्त नियम लागू होंगे?
सुप्रिया सुले के बयान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार एयरलाइनों की जवाबदेही तय करने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगी? क्या यात्रियों को अब बेहतर सेवाएं मिलेंगी या यह समस्या आगे भी बनी रहेगी?
यात्रियों की उम्मीद है कि सरकार और विमानन मंत्रालय इस पर ध्यान देंगे और उड़ानों की समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियम बनाएंगे।फ्लाइट देरी पर भड़कीं सुप्रिया सुले, एयर इंडिया को ठहराया जिम्मेदार