प्रेम कभी भी बंधन स्वीकार नहीं करता – राजन महाराज

भायंदर में चल रही श्रीराम कथा में श्रद्धालुओं का लगा तांता

एनबीडी संवाददाता मीरा भायंदर,

पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज के कृपापात्र शिष्य पूज्य राजन जी महाराज के व्यासत्व में धर्मज्योति प्रचार सेवा संस्थान के आयोजकत्व में 25 जनवरी से जैसलपार्क चौपाटी पर चल रही नौ दिवसीय श्रीरामकथा में आज भगवान परशुराम और लक्ष्मण के संवाद के दौरान कथा गायन करते हुए राजन महाराज ने कहा कि, “ब्राह्मण में निष्ठा रखने वाला सर्वकाल निर्भय रहता है।” उन्होंने आगे बताया कि भगवान को पहचानते ही परशुरामजी के क्रोध का शमन हो जाता है और वे पुनः तपस्या करने चले जाते हैं।

राजन महाराज ने प्रेम तत्व को बताते हुए कहा, “प्रेम वहीं पनपता है जहाँ सारे नियम समाप्त हो जाते हैं, प्रेम कभी बंधन स्वीकार नहीं करता।” उन्होंने यह भी कहा कि जीवन में प्रेम की अधिकता निःशब्द कर देती है, प्रेम केवल सुनता है, बोलता नहीं। अपने मानस कथा प्रवाह से उन्होंने जीवन के लिए उपयोगी कई अमूल्य प्रेम सूत्रों से श्रोताओं को लाभांवित किया।

इसके साथ ही उन्होंने धर्मशील व्यक्ति के जीवन में धन, वैभव और सुख की स्वतः प्राप्ति की बात की और यह भी बताया कि जीवन में धन की अधिकता अनर्थ को जन्म देती है, जिसे हमेशा याद रखना चाहिए। विवाह विधि पर चर्चा करते हुए उन्होंने श्रोताओं को सावधान करते हुए कहा कि, “विवाह में केवल चार भाँवर ही लेने की विधि है, अतः फिल्मों को देखकर सात फेरे कभी न लिए जाएं।”

कथा में राजन महाराज ने “मिथिला नगरिया निहाल सखियां”, “रामजी से पूछें जनकपुर की नारी” जैसे मांगलिक गीतों को प्रसंगानुसार गाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।

इस आयोजन के मुख्य यजमान अनूप दान बहादुर सिंह, अध्यक्ष नवीन रामधारी सिंह और उनके सहयोगियों शारदा प्रसाद पाण्डे, आनंद पाण्डे, विनय चौबे, सरिता चौबे, प्रीति पांडे के साथ अतिथि के रूप में राहुल एजुकेशन के चेयरमैन पंडित लल्लन तिवारी, जफराबाद के पूर्व विधायक डॉ. हरेंद्र सिंह, पूर्व नगरसेवक रामनारायण दूबे, नगरसेवक मनोज दूबे, वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पाण्डे, प्रवासी संदेश के संपादक राजेश उपाध्याय, भारत सरकार के नोटरी एडवोकेट आरजे मिश्र सहित कई प्रतिष्ठित लोग उपस्थित रहे।

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