बरेली: शहर में मंगलवार को एक बड़ा हादसा हुआ जब एक गैस एजेंसी के गोदाम में भीषण आग लगने से लगभग 250 सिलेंडर एक के बाद एक फट गए। इस धमाके की आवाज़ तीन किलोमीटर दूर तक सुनी गई, जिससे पूरे इलाके में दहशत फैल गई।
कैसे हुआ हादसा? जानकारी के अनुसार, यह घटना बरेली के [स्थान] क्षेत्र में स्थित एक गैस एजेंसी के गोदाम में हुई। अचानक लगी आग ने पूरे गोदाम को अपनी चपेट में ले लिया और कुछ ही मिनटों में सिलेंडर फटने लगे। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि गोदाम में मौजूद सभी सिलेंडर एक के बाद एक धमाके के साथ फट गए।
धमाके का असर धमाकों के कारण आसपास के मकानों और दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है। फटे हुए सिलेंडरों के टुकड़े करीब 500 मीटर दूर खेतों तक जा गिरे। स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गई और कई लोग घरों से बाहर निकल आए।
राहत और बचाव कार्य सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंचीं और पुलिस ने इलाके को घेर लिया। करीब दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। राहत कार्य जारी है और नुकसान का आकलन किया जा रहा है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं और गैस एजेंसी के लाइसेंस और सुरक्षा मानकों की जांच की जा रही है। फिलहाल, इस हादसे में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, लेकिन संपत्ति का भारी नुकसान हुआ है।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, यह हादसा बहुत ही भयावह था। स्थानीय निवासी राजेश कुमार ने बताया, “हमने लगातार तेज धमाके सुने और आग की ऊंची लपटें देखीं। ऐसा लग रहा था जैसे कोई बम ब्लास्ट हो रहा हो।”
घटना का संभावित कारण प्रारंभिक जांच के अनुसार, आग लगने का कारण गैस रिसाव हो सकता है। कुछ प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि गोदाम में पहले से ही गैस रिसाव की गंध आ रही थी, लेकिन इस पर ध्यान नहीं दिया गया। प्रशासन अब फॉरेंसिक टीम की मदद से जांच कर रहा है कि आग कैसे लगी और इतनी तेजी से क्यों फैली।
आगे की कार्रवाई प्रशासन अब गैस एजेंसियों में सुरक्षा मानकों की सख्ती से जांच करने की योजना बना रहा है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके। सभी गैस एजेंसियों को अपने सुरक्षा उपकरणों की जांच करवाने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा, सरकार नए सुरक्षा दिशा-निर्देश जारी करने पर विचार कर रही है।
पीड़ितों की सहायता हादसे में जिन लोगों का नुकसान हुआ है, उनके लिए प्रशासन ने मुआवजे की घोषणा की है। प्रभावित लोगों को अस्थायी राहत शिविरों में रखा गया है और उनके भोजन और आवास की व्यवस्था की जा रही है। प्रशासन का कहना है कि पीड़ितों को जल्द से जल्द मदद पहुंचाई जाएगी।